स्कार्पियो में बैठ विस्फोटक से उमाशंकर ने तैयार किया कूकर बम
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घोड़ासहन में ट्रेन उड़ाने के लिए नेपाल से लाया गया था विस्फोटक
स्कार्पियो में बैठ विस्फोटक से उमाशंकर ने तैयार किया कूकर बम ब्रजकिशोर गिरि नेपाल से स्कार्पियो पर लेकर आया था विस्फोटक छौड़ादानो के जनता चौक पर हुए इकठ्ठा, बनायी गयी प्लानिंग पुलिस चेकिंग के कारण एक आम के बगीचा में रुके थे सभी मोतिहारी : घोड़ासहन में सवारी ट्रेन को उड़ाने के लिए नेपाल से […]
ब्रजकिशोर गिरि नेपाल से स्कार्पियो पर लेकर आया था विस्फोटक
छौड़ादानो के जनता चौक पर हुए इकठ्ठा, बनायी गयी प्लानिंग
पुलिस चेकिंग के कारण एक आम के बगीचा में रुके थे सभी
मोतिहारी : घोड़ासहन में सवारी ट्रेन को उड़ाने के लिए नेपाल से विस्फोटक लाया गया था. विस्फोटक आइएसआइ एजेंट ब्रजकिशोर गिरि स्कारपियो से लेकर आया था. उसके साथ पांच-छह लोग स्कारपियो में थे. सभी लोग छौड़ादानो के जनता चौक पर इकठ्ठे हुए. वहीं पर ट्रेन उड़ाने की साजिश रची गयी. यह वाक्या 30 सितंबर दोपहर की है. इसका खुलासा आदापुर बखरी के गिरफ्तार उमाशंकर पटेल ने किया है. उसने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि ब्रजकिशोर के साथ स्कारपियो में गजेंद्र शर्मा, मुकेश यादव, अरूण राम व दीपक राम सवार थे. करीब आधा घंटे के बाद जनता चौक पर ब्रजकिशोर गिरि का साला शंभु गिरि व मुजाहीर पहुंचा.
शाम ढलने पर सभी लोग जनता चौक से स्कारपियो व एक बाइक पर सवार होकर घोड़ासहन के लिए चले. बीच रास्ते में छठियाघाट पूल के पास पुलिस वाहन जांच कर रही थी. पुलिस की डर से सभी एक आम के बगीचा में ठहर गये. सभी लोग स्कारपियो से उतर गये, जबकि उमाशंकर स्कारपियो में बैठ विस्फोटक से कुकर बम तैयार किया. उसने पुलिस को बताया है कि कुकम बम बनाने की ट्रेनिंग उसको नेपाल में ब्रजकिशोर गिरि ने दी थी.
ब्रजकिशोर ने तैयार बम को रेलवे ट्रैक पर लगा दिया, उसके बाद अरूण व दीपक को विस्फोट कराने की जिम्मेवारी देकर सभी सभी लोग यह कहकर चले गये कि बखरी में मिलेंगे.काम हो जाने पर अरूण व दीपक को साथ लेकर बखरी में बुलाया. ब्रजकिशोर के कहने पर उमाशंकर दीपक व अरूण को छठियाघाट के रास्ते जगीरहापूल के पूरब जहा बम सेट किया गया था, वहां पहुंचा. तार को रेलवे ट्रैक के बहुत नीचे ले गया, दीपक व अरूण को कहा कि बम सेटिंग के बीच ट्रेन के पहुंचते ही तार को आपस में सटा विस्फोट कराने की जिम्मेवारी दी.
ट्रेन आने में विलंब हुआ तो बदल गया इरादा : टारगेट ट्रेन के आने में विल्मब हुआ तो दीपक व अरूण का इरादा बदल गया. उमाशंकर का कहना है कि दीपक व अरूण ने कहा कि हमलोग बहुत गलत करने जा रहे है. ऐसा काम हमलोग नहीं करेंगे, चलो वापस लौट चलते है. उनकी बातों को सुनकर उमाशंकर दोनों को लेकर बखरी बाजार पहुंचा. दोनों को बखरी बाजार पर छोड़ खुद घर चला गया. काम नहीं होने की सूचना ब्रजकिशोर को फोन पर दी.
विस्फोट कराने को दोनों पर खर्च हुए थे दो लाख : घोड़ासहन में ट्रेन उड़ाने के लिए दीपक व अरूण पर ब्रजकिशोर का दो लाख खर्च हुआ था. जब इस बात का पता ब्रजकिशोर को चला तो उमाशंकर को धमकी देते हुए कहा कि अपनी खैरियत चाहते हो तो दोनों को मेरे सामने हाजिर करो, पार्टी उसको सजा देगी.
उसके डर से दोनों को 25 दिसंबर को नेपाल लेकर गया. साथ में राकेश, मुकेश व गजेंद्र भी नेपाल गये.
शराब पिला खुखरी से मार दोनों की कर दी गयी हत्या : उमाशंकर का कहना है कि दीपक व अरूण को नेपाल ले जाकर ब्रजकिशोर को सौंप दिया. दो दिनों तक सभी साथ में शराब पिकर मौज मस्ती करते रहे. 27-28 दिसंबर की रात में दोनों को लेकर हमलोग जगंल में गये. वहीं पर ब्रजकिशोर गिरि भी पहुंचा. सभी लोग दोनों का हाथ-पैर पकड़ा, जबकि ब्रजकिशोर के साथ आये दो नेपाली युवक व मोतीलाल पासवान ने खुखरी से मार दीपक व अरूण की हत्या कर दी.
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