मोतिहारी : रक्सौल के न्यायिक दंडाधिकारी एनके प्रियदर्शी से अपराधियों ने फोन कर 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी है. रकम नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गयी है. फोन गुरुवार की सुबह 9.44 बजे उस समय आया, जब वे अपने चैंबर में बैठे थे. जैसे ही इसकी खबर बाहर आयी,
कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गयी. श्री प्रियदर्शी ने फौरन घटना की सूचना जिला जज केके त्रिपाठी को दी. जिला जज के माध्यम से सूचना मिलने पर एसपी जितेंद्र राणा, सदर डीएसपी पंकज कुमार रातव व नगर इंस्पेक्टर अजय कुमार कोर्ट पहुंचे. न्यायिक अधिकारियों के साथ घंटे भर बैठक हुई. इसमें सुरक्षा व्यवस्था के साथ घटना के खुलासे को लेकर रणनीति बनायी गयी.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को एनके प्रियदर्शी
रक्सौल के न्यायिक
अपने चैंबर में बैठे थे. उनके मोबाइल पर 8051910489 नंबर से फोन आया. उन्होंने फोन रिसीव किया, तो सामने वाला व्यक्ति अनाप-शनाप बोलने लगा. इसके बाद 25 लाख की रंगदारी मांगते हुए एक दूसरा मोबाइल नंबर 9162761839 नोट कराया. कहा कि पैसा कब और कहां लाकर देना है, उसके लिए दूसरे मोबाइल नंबर पर संपर्क करना होगा. इतना कहते हुए उसने कॉल काट दिया. नगर इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गयी है. दोनों संदिग्ध नंबरों का कॉल डिटेल निकाला जा रहा है. जल्द रंगदारी मांगने वाला अपराधी पकड़ा जायेगा.
क्या कहते हैं एसपी
एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि
रंगदारी मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. नगर इंस्पेक्टर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. जिस नंबर से रंगदारी मांगी गयी है, साथ ही अपराधी द्वारा जो दूसरा नंबर नोट कराया गया है, दोनों नंबरों का सीडीआर निकाला जा रहा है. जल्द अपराधी पकड़े जायेंगे.
जितेंद्र राणा, एसपी मोतिहारी
रंगदारी नहीं मिलने पर दी जान से मारने की धमकी
न्यायालय पहुंचे एसपी, सुरक्षा को लेकर हुई बैठक
नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज, पुलिस ने शुरू की पड़ताल
न्यायिक अधिकारी को नहीं है बॉडीगार्ड . रक्सौल के न्यायिक दंडाधिकारी एनके प्रियदर्शी को बॉडीगार्ड नहीं है. दो दिन पहले उनसे बॉडीगार्ड वापस ले लिया गया था. एसडीजीएम रक्सौल के साथ वहां के किसी भी न्यायिक अधिकारी को बॉडीगार्ड नहीं है. सूत्रों के अनुसार, एसडीजीएम रक्सौल ने बॉडीगार्ड व सुरक्षा के लिए एसपी जितेंद्र राणा को तीन बार पत्र लिखा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. न्यायिक अधिकारियों ने बैठक में बॉडीगार्ड के साथ न्यायालय परिसर की सुरक्षा को चुस्त-दुरुस्त करने का प्रस्ताव रखा.