मोतिहारी. डीएवी स्कूल का छात्र मोहित एक्स गैंग का लीडर है़ वह अपराध करने के लिए अपने सात करीबी दोस्तों का एक गैंग बनाया था़ उस गैंग में मोहित के अलावे ऋशभ ठाकुर, सुमन सौरभ, आशीष कुमार, सुधांसू रंजन के साथ अन्य शामिल है़ ये सभी अपने क्लास के मॉनिटर को डरा-धमका कर क्लच में […]
मोतिहारी. डीएवी स्कूल का छात्र मोहित एक्स गैंग का लीडर है़ वह अपराध करने के लिए अपने सात करीबी दोस्तों का एक गैंग बनाया था़ उस गैंग में मोहित के अलावे ऋशभ ठाकुर, सुमन सौरभ, आशीष कुमार, सुधांसू रंजन के साथ अन्य शामिल है़
ये सभी अपने क्लास के मॉनिटर को डरा-धमका कर क्लच में रखते थ़े जिस दिन स्कूल नहीं भी गये उनका हाजिरी बन जाता था़ इनका क्लास में सबसे पिछला बेंच रिजर्व रहता था़ पुलिस डीएवी स्कूल पहुंच कर पड़ताल की तो सारी सच्चाई सामने आयी़ 30 जुलाई को मोहित स्कूल नहीं गया था, लेकिन स्कूल में उसका अटेंडेंस बना हुआ था़ उसने क्लास मॉनिटर को फोन से धमका कर अटेंडेंस बनवा लिया़ आशीष की हत्या के बाद पुलिस ने जब मोहित को हिरासत में लिया तो उसने कहा कि मैं स्कूल गया था़ आशीष से मेरी मुलाकात नहीं हुई़ पुलिस सच्चाई जानने के लिए स्कूल गयी तो पता चला कि मोहित का अटेंडेंस बना हुआ है, जिसके आधार पर पुलिस ने मोहित को छोड़ दिया़
आशीष के मोबाइल का सीडीआर निकाला गया़ उसके आधार पर अम्बिका नगर चौक के एक सिमेंट दुकान पर काम करने वाले कर्मी को पकड़ा गया़ कर्मी को हिरासत में लिये जाने के बाद दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरा को खंघाला गया तो मोहित की कारगुजारी का खुलासा हुआ़ दुकान के कर्मी से मोबाइल लेकर आशीष से बात करने एवं मोहित, आशीष व सुमन सौरभ की एक साथ की तस्वीर कैमरे में कैद थी़
चोरी की बाइक से एक्स गैंग करता था मटरगश्ती
मोतिहारी. बंजरिया प्रखंड कार्यालय परिसर से मोहित ने दोस्तों के साथ मिलकर अपने ही किरायेदार जितेंद्र कुमार की ग्लैमर बाइक चुरायी़ बाइक चोरी करने के बाद सीट व नंबर प्लेट बदल कर उसी बाइक से शहर में मटरगश्ती की़ उसी बाइक से स्कूल भी गय़े करीब 10 दिनों तक बाइक बेचने के लिए ग्राहक की तलाशी की, लेकिन उचित कीमत नही मिला़ बाद में मोहित ने 27 जुलाई को बाइक ऑनर के पास आशीष की मां सुलेखा का मोबाइल लेकर फोन किया़ कहा कि बाइक वापस चाहिए तो एमएस कॉलेज के फिल्ड में 10 हजार रुपये लेकर आइय़े वहां आपको एक साइकिल लगी मिलेगी़ साइकिल के हैंडिल में काला रंग का छोला होगा, उसमें पैसा रख दीजिएगा़ आपको बाइक मिल जायेगी़ जितेंद्र 28 जुलाई की सुबह एमएस कॉलेज फिल्ड पहुंच़े वहां साइकिल लगी थी़
उन्होंने साइकिल के हैंडिल में टंगे छोड़ा में 10 हजार रुपये डाल दिया़ 30 जुलाई को मोहित व सुमन सौरभ ने उनके पास दुबारा फोन कर कहा कि आपकी बाइक फिल्ड में लगी है आकर ले जाइय़े उन्होंने फिल्ड पहुंच कर देखा तो बाइक लगी थी़ बाइक वापस मिलने के बाद जिस नंबर से फोन आया था उस नंबर के विरुद्घ थाना में आवेदन दिया़ मोहित को जब पता चला कि बाइक ऑनर से पुलिस को खबर कर दी है तो शाम मे फोन कर कहा कि अंकल आपने पुलिस को मोबाइल नंबर देकर अच्छा नहीं किया है़ इसका अंजाम बुरा होगा़