महिलाओं की शिक्षा पर सेमिनार में गोवा की राज्यपाल डॉ मृदुला सिन्हा बोलीं
मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) : गोवा की राज्यपाल डॉ मृदुला सिन्हा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में महिलाओं ने भी पुरुषों के बराबर हिस्सेदारी ली थीं. महात्मा गांधी ने भी स्वीकार किया था कि महिलाओं का सहयोग नहीं होता, तो आजादी का आंदोलन मजबूत नहीं होता. उन्होंने कहा कि महिला घर-परिवार की धुरी है.
ऐसे में आवश्यकता है कि पढ़ी-लिखी महिलाएं बच्चों व परिवार के साथ अनपढ़ लोगों में भी शिक्षा का अलख जगाएं. डॉ सिन्हा शुक्रवार को डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा महिला कॉलेज, मोतिहारी में कॉलेज संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी रामबिहारी शर्मा की मूर्ति का अनावरण सह महिला शिक्षा पर विचार गोष्ठी को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने लड़कियों को संस्कारित शिक्षा हासिल करने पर जोर दिया. कहा कि अभी के समय में गृहस्थ शिक्षा परिवार को चलाने के लिए जरूरी है. कारण सभी लड़कियों को अपने सास के बेटे को पालना है. एक दिन मां बनना है. महिलाओं के आंचल से कुछ घटता नहीं है. हर समय में समाज को देने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं की उच्च शिक्षा के लिए 2001 में महिला सशक्तीकरण योजना चलायी गयी थी. इसका व्यापक प्रभाव देखने का मिला. भारत में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है. महिलाअों ने सभी क्षेत्रों में अपनी पहचान बनायी है. मौके पर बिहार विवि के कुलपति डॉ राजेश सिंह, कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, पूर्व कुलपति आइसी कुमार, चंपारण सत्याग्रह आयोजन समिति के सचिव प्रो चंद्रभूषण पांडेय आदि मौजूद थे.