मोतिहारी : पर्यटन की अपार संभावनाओं के बाद पूर्वी चंपारण बिहार के अन्य ईलाकों की तरह पर्यटन की दृष्टि से नहीं जुड़ पाया है. इसको ले मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अन्य अधिकारियों के साथ तीन रोज पूर्व अरेराज व केसरिया बौद्धस्तूप का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के बाद विभिन्न योजनाओं को कार्यरूप में उतारने का निर्देश डीएम को दिया. डीएम रमण कुमार ने बताया कि केसरिया व अरेराज को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जायेगा. केसरिया में उत्खनन हो रहा है. रानीवास सहित कई ऐतिहासिक तथ्य सामने आ रहे हैं, जिसका ऐतिहासिक दृष्टि से विकास किया जायेगा. इसके लिए घेराबंदी, सड़क निर्माण, कैफेटेरिया का निर्माण, पर्यटकों के सुविधा के लिए अन्य कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जायेगा.
मुख्य पथ से मंदिर तक आवागमन में कोई कठिनाई न हो और विकास में सबकी भागीदारी हो इसके लिए रिक्शा-ठेला चालक से लेकर दुकानदार, प्रबुद्धजन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक कर विकास योजनाओं का चयन किया जायेगा. डीएम ने बताया कि सावन व भादो माह में अरेराज में कांवरियों का जमघट लगता है. ऐसे में मंदिर के विकास की रूपरेखा उसके पूर्व तैयार कर ली जायेगी. निकट भविष्य में यह मंदिर देश के बड़े मंदिरों के रूप में सामने आयेगा.
एनओसी मिले, तो बनेगा कैफेटेरिया व धर्मशाला : पर्यटन मंत्री
मोतिहारी. पर्यटन मंत्री सह मोतिहारी नगर विधायक प्रमोद कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन अरेराज मंदिर व केसरिया स्तूप से जुड़े सरकारी जमीन का एनओसी दे तो पर्यटन विभाग डीपीआर तैयार कर इसे नया लुक देगा. अरेराज का धर्मशाला भी ध्वस्त हो चुका है, जो न्यास बोर्ड के अधीन है. उसका विकास वगैर एनओसी पर्यटन विभाग नहीं कर सकता.
मंदिर न्यास समिति, स्थानीय समिति व जिला प्रशासन अरेराज में सरकारी जमीन का एनओसी दे तो धर्मशाला, कैफेटेरिया आदि का निर्माण किया जायेगा. केसरिया में पर्यटन विभाग द्वारा गेस्ट हाउस तक सड़क निर्माण व भू अधिग्रहण के लिए एक करोड़ रुपया आवंटित किया है लेकिन कार्य धरातल पर नहीं है. पर्यटन विभाग केसरिया व अरेराज के विकास के लिए कृतसंकल्पित है.