मधुबन : शौक पूरी करने के लिए चोरी करनेवाले युवा हत्या जैसे गंभीर वारदात को अंजाम देने में पीछे नहीं हट रहे हैं. कबाड़ व्यवसायी हत्याकांड में गिरफ्तार सभी अपराधियों की उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच है. सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं. पैसे व महंगे सामान व खाने पीने की शौक को पूरा करने वाले सभी अपराधरी बाजार से साइकिल, रात में चोरी कर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता था. चोरी सामान की बिक्री करने के बाद सभी पैसे का बंटवारा करने के बाद शौक पूरी करता था.
जुआ में हारने के बाद आसपास में ये लोग चोरी की वारदात को अंजाम देते थे, जिससे हार की भरपाई करके फिर जुआ खेल सके. इन सब की पारिवारिक स्थिति खास नहीं है. 12 जुलाई को चोरी का सामान नहीं बिकने पर बाजार में कबाड़ व्यवसायी जगरनाथ भगत की हत्या करके सनसनी फैला दी, जिसके बाद मधुबन पुलिस के खिलाफ लोगों ने उग्र प्रदर्शन भी किया. जिससे पुलिस बैक फुट पर आ गयी.
सामान को खपाने की थी योजना :
बागमती की उपधारा रतिया नदी के किनारे पर स्थित अजय केडिया के बगीचे में मंदिर के पुजारी का कमरा था, जहां पर पहले स्कूल भी चलता था. स्कूल व मंदिर के काफी सामान उक्त घरों में रहता था. चोरों की योजना थी कि सभी सामान की चोरी करके बेचने की थी. वहां कमरों में लोहे आदि के भी सामान रखे गये थे. उन कमरों खिड़की व गेट तोड़ने का भी प्रयास किया था. वहां पहले कुर्सियां चोरी की. कई सामान को बाहर निकाल कर रख भी दिया. हालांकि, डील पक्की नहीं होने पर हत्या करके अपराधी अपने ही चंगुल में फंस गये.
पुलिस के खिलाफ आंदोलन में भी थे शामिल
12 जुलाई की रात हत्या के बाद 13 जुलाई को हत्या के विरोध में पुलिस के खिलाफ हुए उग्र प्रदर्शन में भी अपराधी शामिल हो गये थे. थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने बताया कि पुलिस की नजरों से बचने के लिये घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हो गये, जिससे उन पर किसी का शंका नहीं हो. हालांकि, पुलिस को घटना के बाद से चोरी की सामान की बिक्री में हत्या की आशंका थी.