भागलपुर, ललित किशोर मिश्र, टिकट लो जनरल का और सफर करो एसी बोगी में. कुछ ऐसे ही हो रहा है जयनगर एक्सप्रेस में सफर. लोग यह सोच कर एसी का टिकट लेते हैं कि भीड़ से बचे रहेंगे. पूरी सीट अपनी होगी. सीट पर चकचक सफेद चादर बिछी होगी. ओढ़ने के लिए चादर मिलेगी. साफ-सुथरा तकिया मिलेगा. लेकिन जयनगर एक्सप्रेस में जब मैं बुधवार सुबह सवार होने के लिए अंदर प्रवेश कर रहा था, तो सबसे पहले गेट पर खड़े लोगों को बगल हटाना पड़ा. फिर लोगों से बगल हटने का अनुरोध करते हुए ट्रेन में सवार हो गया. सुबह 7:50 पर तीन नंबर प्लेटफार्म से जयनगर के लिए ट्रेन खुली. अंदर स्थिति यह थी कि अन्य यात्री भी परेशान थे. परेशानी की वजह भी थी. जनरल बोगी के यात्री एसी बोगी में घुस गये थे. एसी टू व थ्री बोगी में सफर करने वाले रिजर्वेशन यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
टीटीई के बार-बार कहने पर भी नहीं मान रहे थे लोग
इस कारण दोनों बोगी में जिनका रिजर्वेशन था, उसके अलावा बहुत सारे लोग बोगी में चढ़ गये थे. टीटीई बार-बार अन्य यात्रियों को अपने-अपने बोगी में जाने की बात कह रहे थे. लेकिन उनकी बात मानने को कोई तैयार नहीं था. वहीं अपनी-अपनी सीट पर बैठ चुके रिजर्व यात्री को बगल हटा कर लोग बैठ रहे थे. टीटीई ने यहां भी लोगों को मना किया. लेकिन यात्रियों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया. कुछ यात्री गेट के पास खड़े होकर पूरा गेट जाम कर दिया था.
स्लीपर से भी खराब थी स्थिति
एसी टू व थ्री बोगी की स्थिति स्लीपर कोच से भी खराब थी. जिसे मन हुआ वह इस बोगी में चढ़ जा रहे थे. बेगूसराय स्टेशन तक स्थिति यह थी कि एसी बोगी में भी पैर रखने तक की जगह नहीं थी. गर्मी के कारण सब लोग एसी बोगी में ही बैठने के लिए आतुर थे.

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चादर से लेकर तकिया कबर तक गंदा
दोनों एसी बोगी में यात्रियों को मिलनेवाले चादर, तकिया और तकिया कवर से लेकर ब्लैंकेट की स्थिति बहुत खराब दिखी. चादर साफ थी, पर उस पर दाग इतने थे कि यात्री उसे बिछाना नहीं चाह रहे थे. कई यात्री तो दूसरी चादर की मांग कर रहे थे. रेलकर्मी ने दूसरी चादर दी, पर वह भी गंदी थी. उस पर भी दाग लगा हुआ था. तकिया का कवर भी बहुत गंदा था. सबसे खराब स्थिति यह थी चादर और तकिया का कवर बोरे में भरकर बाथरूम के गेट के पास रखा गया था. इसे देख यात्रियों का मन भिनभिना गया. इस ट्रेन से बार-बार सफर करनेवाले यात्रियों का कहना था कि यह एक दिन की बात नहीं है. इस ट्रेन में 365 दिन यही स्थिति है. इस ट्रेन का मेंटेनेंस जयनगर में होता है.