चौसा. मंगलवार को प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा चौसा बक्सर के तत्वावधान में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बनारपुर पंचायत भवन पर जयमंगल पांडेय की अध्यक्षता तथा विमल सिंह के संचालन में किसान पंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह, बिहार हल्ला बोल प्रशांत कमल, भारतीय किसान यूनियन बिहार के अध्यक्ष दिनेश सिंह, बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक संघ के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह यादव, पी के मिश्रा, ममता देवी, शर्मा तिवारी, मुन्ना तिवारी आदि वक्ताओं ने कहा कि बिहार में कहीं भी जमीन अधिग्रहण हो रहा है. वहा पर अधियाची निकाय और जिला प्रशासन द्वारा हितबद्ध रैयतों उस जमीन से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े मजदुर, पशुपालक, पौनी, व्यवसायी को प्रतड़ित करने का काम खुलेआम कर रहा है. जिसका जीता जागता उदाहरण कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, बक्सर आदि जगहों पर दिख रहा है. साथ ही बक्सर में 319 (A) में बक्सर जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण 2013 का उल्लंघन किया जा रहा है. वही पर जिला प्रशासन द्वारा एसटीपीएल थर्मल पावर प्लांट के लिए अर्जित भूमि में भूमि अधिग्रहण विधेयक 2013 का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है. जिसका जिता जागता उदाहरण प्लांट के उद्घाटन वर्ष सितम्बर 2024 से देखने को मिल रहा है. मेन प्लांट के लिए अर्जित भूमि का आरजी पैसा का भुगतान 2015 में ही हो जाना चाहिए था. परन्तु किसान/मजदूरों के ऊपर फ़र्ज़ी मुकदमा कर प्रताड़ित किया जा रहा है. और आधा-अधूरा आर जी का पैसा दिया जा रहा है. यही स्थिति एनएच319 (ए) का है जिसमे अधियाची निकाय द्वारा बनारपुर के घनी आबादी से 3डी बना दिया गया. और अपने अभिलेख में बिहार सरकार कृषि भूमि दिखला दिया गया. जो भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का घोर उल्लंघन है. सभी वक्ताओं द्वारा कहा गया कि बनारपुर घनी आबादी से बाहर अपना एलायमेंट बनाए तथा जो व्यावसायिक अथवा आवासीय जमीन है उसका आज के 2025 वर्ष के दर से साथ ही साथ आर जी का भुगतान भी करने के बाद ही 319(ए) का निर्माण कार्य होने दिया जाएगा.
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