डुमरांव
. डुमरांव प्रखंड क्षेत्र के अरियाव गांव में पिछले कई दिनों से पाइपलाइन लीकेज की समस्या ने ग्रामीणों के लिए गंभीर परेशानी खड़ी कर दी है. गांव में वर्षों पहले नल-जल योजना के तहत जलमीनार का निर्माण कराया गया था ताकि हर घर तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति हो सकें. इसके लिए गांव की मुख्य सड़क और गलियों में भूमिगत पाइपलाइन बिछाई गई थी. लेकिन बीते 10 दिनों से पाइपलाइन में लीकेज होने के कारण गांव की मुख्य सड़क पर पानी का बहाव जारी है. लगातार रिसाव से सड़क पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. मुख्य सड़क पर आने-जाने वाले लोग परेशानअरियाव गांव की मुख्य सड़क, जो दर्जनों परिवारों की आवाजाही का एकमात्र रास्ता है, अब जलजमाव से ढकी हुई है. पैदल चलने वाले लोगों को हर कदम फूंक-फूंक कर रखना पड़ रहा है. स्कूल जाने वाले बच्चे अपने कपड़े और जूते गंदे होने की शिकायत कर रहे है. वहीं, दुपहिया और चारपहिया वाहन चालक फिसलने की आशंका से परेशान है. बरसात की तरह चारों ओर पानी फैला हुआ है, जबकि यह समस्या बारिश से नहीं बल्कि पाइपलाइन लीकेज से उत्पन्न हुई है. संक्रमण फैलने का खतरागांव के लोगों के लिए जलजमाव सिर्फ आवाजाही की समस्या नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन रहा है. गली-मोहल्लों में बह रहा पानी धीरे-धीरे बदबू देने लगा है. इसमें कीचड़ और काई जम गई है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ने का डर है. ग्रामीणों को चिंता है कि अगर समय रहते स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो डेंगू, मलेरिया और त्वचा संबंधी बीमारियां फैल सकती है.बच्चों और बुजुर्गों की सबसे बड़ी परेशानीइस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और बुजुर्ग है. छोटे बच्चों के लिए कीचड़ से भरी सड़क पार करना रोज़ की चुनौती बन गई है. कई बार बच्चे पानी में गिरकर चोटिल भी हो जाते है. वहीं बुजुर्ग लोगों को फिसलने का खतरा हर समय बना रहता है.
ग्रामीणों की मजबूरीगांव के लोग बताते हैं कि वे इस समस्या से बचने के लिए घरों से निकलने में कतराने लगे है. जरूरत पड़ने पर लोग लंबा रास्ता अपनाने को मजबूर है. खेतों तक पहुंचने वाले किसानों के लिए यह जलजमाव सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि खेती-किसानी का सारा काम इसी सड़क होकर गुजरता है. बाजार और अस्पताल जाने वाले लोग भी परेशानी का सामना कर रहे है.विकास योजना की हकीकतनल-जल योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना था. शुरुआत में इस योजना से लोगों को काफी राहत मिली. हर घर तक पाइपलाइन से पानी पहुंचा और महिलाओं को दूर-दराज से पानी ढोने की समस्या से निजात मिली. लेकिन आज जब पाइपलाइन में लीकेज हो गया है, तो यही योजना परेशानी का सबब बन गई है. साफ पानी की जगह अब कीचड़ और गंदगी गांव की पहचान बनने लगी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

