बक्सर
. जिले के 22 गांवों में प्रथम फेज में 7 हजार 601 किसानों को यूनिक आईडी कृषि विभाग के द्वारा बनाया जाएगा. जिसके माध्यम से ही अब जिले के किसानों को कृृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा. बिना यूनिक आईडी कार्ड के किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा. यूनिक आईडी कार्ड जिले में बनाने की प्रक्रिया शनिवार को शुरू हो गई. प्रक्रिया जिले के सदर प्रखंड स्थित बोक्सा पंचायत से शुरू किया गया है. जहां जिले में एक किसान का यूनिक आईडी कार्ड जिला कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में बनाया गया. इसके साथ ही जिले के किसानों का यूनिक आईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिससे किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित योजना का सीधे लाभ मिल सके. पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर प्रखंड में दो-दो गांव चयनितआधार कार्ड की तरह किसानों का यूनिक आईडी बनाया जा रहा है. किसानों को यूनिक आईडी बनाने का काम जिले में शुरू कर दिया गया है. जिले में पहली बार यह कार्ड बनाया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य कर दिया गया है. कृषि विभाग की किसान सम्मान निधि, बीज अनुदान, प्रत्यक्षण एवं सहकारिता की फसल सहायता अनुदान जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब फार्मर आईडी अनिवार्य किया जा रहा है. इस फार्मर आईडी से किसानों की सारी विवरण एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएंगे. किसानों की भूमि, पशु संसाधन, खेती अच्छादान सहित अन्य जानकारियां दर्ज होगी. जिले के सभी ग्यारह प्रखंड में दो-दो राजस्व ग्राम का चयन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया है. फाॅर्मर आईडी बनाने के लिए संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक, एटीएम, बीटीएम एवं राजस्व कर्मचारी को नामित किया गया है. फार्मर आईडी से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बार-बार किसानों को ई केवाईसी करने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा एवं आधार कार्ड की तरह किसानों का फार्मर आईडी भी यूनिक आईडी के रूप में दर्ज रहेगी. फार्मर आईडी बनाने वाले किसानों को केंद्र द्वारा सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा, साथ ही फार्मर आईडी के माध्यम से उन्हें पहचान दिलाने के लिए उनका डाटाबेस तैयार किया जाएगा. फार्मर आईडी बनवाने के लिऐ मूल दस्तावेजफार्मर आईडी बनाने के लिए किसानों को यह दस्तावेज आवश्यक रूप से शिविर में लाना होगा. किसानों को यूनिक आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, जमीन की जमाबंदी की अद्यतन रसीद शिविर में लेकर आना होगा, सूचीबद्ध किसानों को एग्रीस्टेक परियोजना से जोड़ा जाएगा ताकि कोई भी किसान वंचित न हो.इसमें किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले जमीन का खाता, खेसरा मोबाइल नंबर, आधार नंबर को मिलाकर एक संपूर्ण डाटाबेस तैयार किया जाएगा. जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर राय ने बताया कि एक क्लिक में किसानों का सारा प्रोफाइल सामने आ जाएगा, इसके माध्यम से किसानों को सस्ता ऋण, कृषि इनपुट, विशिष्ट सलाह के साथ-साथ अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचने में आसानी होगी.उन्होंने कहा कि किसानों को खेती की जानकारी के लिए आप खसरा खतियान देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. फार्मर आईडी से खेती के सारे विवरण ऑनलाइन हो जाएंगे एवं किसानों के खेत का पूरा डाटा कंप्यूटर पर दिखेगा.आईडी नंबर डालते ही किसानों के सभी विवरण एक क्षण में मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएंगे. प्रथम चरण में जिले के सभी प्रखंड के दो दो राजस्व ग्राम का चयन फार्मर रजिस्ट्री बनाने के लिए किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है