राजपुर
. प्रखंड मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित महा दलित पासी टोला के ग्रामीणों ने प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विरोध जताया है. इस बस्ती के अल्लाह पासी, सहादत हुसैन, रमेश पासी, प्रभावती देवी, आशा देवी, रुक्मणी देवी, कमला देवी, काशी पासी, धनजी पासी, तेतरा देवी, मुन्ना पासी, दुखी पासी, बबलू पासी, संतोष पासी, टुनटुन पासी, भिखारी पासी, मंगल पासी, कमलेश पासी, ललिता देवी, अतवारो देवी, इंदल पासी के अलावा बस्ती के अन्य लोगों ने बताया कि पंचायतीराज व्यवस्था के गठन के बाद से आज तक इस बस्ती में जाने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है.इस बस्ती में लगभग 50 घर के लोग निवास करते हैं.हर बार एक उम्मीद रखते हैं कि कोई जनप्रतिनिधि हमारी समस्या का समाधान करेगा. फिर भी समस्या ज्यों का त्यों बना रहता है.वर्षा होने पर गांव का पानी गड़ही के रास्ते होकर इस बस्ती पर दबाव बनाता है.जो पानी इस बस्ती में घुस जाता है.बस्ती में रहने वाले लोग घुटने भर पानी में होकर आते जाते हैं. वर्ष भर पानी लगे रहने से कई संक्रामक बीमारी फैलने की भी संभावना बनी रहती है. मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है.बस्ती के चारों तरफ गड्ढे में पानी भर जाने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. छोटे बच्चे आंगनबाड़ी भी नहीं पहुंच पाते हैं. बरसात के दिन में घर से निकलना मुश्किल हो गया है. गर्मी के दिनों में बस्ती के बगल से खेत सूखने पर लोग जैसे तैसे बाजार करने जाते हैं. फिर भी मुख्य रास्ते पर जल जमाव की समस्या बनी रहती है. सरकार ने महादलित बस्ती के उत्थान के लिए कई योजनाओं को लागू किया है. बावजूद अभी तक रास्ता नहीं होने से बीते वर्ष की बातें याद आती है. आज तक कोई अधिकारी भी इस बस्ती में समस्या को देखने के लिए नहीं आया. अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में इस बस्ती के लोग अपने बच्चों के साथ मुख्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

