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Buxar News: सभी प्रखंड में होगा ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला जिले को प्राप्त हुआ 10 का लक्ष्य

जिसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को रोजगार सृजन एवं किसानों के उनके द्वारा पर मिट्टी जांच उपलब्ध कराना है

बक्सर. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरकता योजना अंतर्गत जिले के सभी प्रखंड में ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला खोलने के लिए विभाग के द्वारा दस प्रयोगशाला खोलने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. जिसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को रोजगार सृजन एवं किसानों के उनके द्वारा पर मिट्टी जांच उपलब्ध कराना है. जिसके लिए विभाग ने 30 अगस्त से 20 सितंबर तक आवेदन मांगा है.ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को उनकी मिट्टी की उर्वरकता के आधार पर वैज्ञानिक सलाह देने के उद्देश्य से जिले में ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, साथ ही किसानों को उनकी भूमि की मृदा जांच की सुविधा उनके गांव में ही सुलभ कराना है, जिससे खेती-किसानी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिल सके. एक प्रयोगशाला के लिए मिलेगा 1.50 लाख रुपये का अनुदान इस योजना के तहत प्रत्येक चयनित प्रयोगशाला के लिए डेढ़ लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा.यह राशि मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना, उपकरण की खरीद, प्रारंभिक प्रशिक्षण एवं अन्य आवश्यक व्ययों के लिए दी जाएगी.विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह राशि सीधे चयनित आवेदकों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी. आवेदन प्रक्रिया 30 अगस्त से 20 सितंबर तक जिला कृषि पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया 30 अगस्त से शुरू होगा जो 20 सितंबर तक चलेगा.इच्छुक उम्मीदवारों को निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन जिला कृषि कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन के साथ आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की प्रति और प्रस्तावित स्थल का विवरण संलग्न करना अनिवार्य होगा. क्या होगी प्रयोगशाला की भूमिका ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं किसानों की भूमि से लिए गए नमूनों की जांच कर उसमें उपस्थित पोषक तत्वों, पीएच मान, कार्बनिक तत्व, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश इत्यादि की जानकारी उपलब्ध कराएंगी.इससे किसानों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उनकी जमीन में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है और उसी के अनुरूप वे उर्वरक या खाद का इस्तेमाल कर सकें.मिट्टी की जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी जारी किया जाएगा, जो उनकी भूमि की उपज क्षमता को समझने का एक सटीक वैज्ञानिक माध्यम होगा. जिले में बढ़ेगा वैज्ञानिक खेती का चलन जिला कृषि पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस पहल से ग्रामीण स्तर पर मिट्टी जांच की पहुंच आसान होगी.किसान वैज्ञानिक आधार पर अपनी भूमि का विश्लेषण कर सकेंगे और अनावश्यक उर्वरकों के प्रयोग से बच सकेंगे. इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादकता बढ़ेगी.विभाग को उम्मीद है कि इससे किसानों में जागरूकता बढ़ेगी और वे रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के बजाय संतुलित खेती की ओर अग्रसर होंगे. युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि यह ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में सशक्त करेगी. जो युवा इस प्रयोगशाला को शुरू करेंगे, वे मिट्टी जांच सेवा प्रदान करने के बदले शुल्क लेकर आय अर्जित कर सकेंगे. साथ ही विभाग द्वारा समय-समय पर उन्हें तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा. क्या बोले अधिकारी जिले में ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने की यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे न केवल किसान लाभान्वित होंगे, बल्कि युवा भी आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर होंगे. इच्छुक उम्मीदवारों को समय रहते आवेदन प्रक्रिया में भाग लेने की सलाह दी जाती है. धर्मेंद्र कुमार जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर

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