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चयनित किसानों को दी गयी सोनाचूर की तकनीकी जानकारी

उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से किसान पारंपरिक खेती से हटकर वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं.

बक्सर. कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा बक्सर के तत्वावधान में बुधवार को बक्सर प्रखंड के महदह पंचायत के महदह गांव में सोनाचूर धान की उन्नत खेती पर केंद्रित किसान पाठशाला के प्रथम सत्र का आयोजन किया गया. इस पाठशाला का संचालन सच्चिदानंद सिंह की देखरेख में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में कुल 25 चयनित किसानों ने भाग लिया, जिन्हें सोनाचूर धान की खेती से संबंधित नवीनतम तकनीकी एवं वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की गयी. कार्यक्रम में आत्मा बक्सर के उप-परियोजना निदेशक रणधीर कुमार, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण कृष्ण कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ रामकेवल, बीटीएम अजय कुमार सिंह एवं अन्य तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद थे. आयोजन का उद्देश्य किसानों को सोनाचूर धान की वैज्ञानिक विधियों से खेती करने के लिए प्रशिक्षित करना था, ताकि उनकी पैदावार बढ़े और गुणवत्ता में सुधार हो. तकनीकी सत्र में डॉ रामकेवल ने सोनाचूर धान की खेती के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने सबसे पहले मिट्टी की जांच सॉइल टेस्टिंग के महत्व को समझाया, जिससे किसान यह तय कर सकते हैं कि उनकी भूमि में कौन से पोषक तत्वों की कमी या अधिकता है. इसके बाद उन्होंने बीज उपचार की विधियों के बारे में जानकारी दी, जिससे बीज रोगों से सुरक्षित रहें और अंकुरण प्रतिशत बढ़े. उन्होंने पोषक तत्व प्रबंधन पर विशेष जोर देते हुए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की सही मात्रा एवं संतुलित उपयोग के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि सही समय पर और सही मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करने से फसल की वृद्धि बेहतर होती है और उत्पादन भी बढ़ता है. साथ ही, उन्होंने जैविक खाद और हरी खाद के प्रयोग के लाभों पर भी प्रकाश डाला, जिससे मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है. कार्यक्रम का मंच संचालन बीटीएम अजय कुमार सिंह ने किया. उन्होंने किसानों को आत्मा योजना की रूपरेखा एवं किसान पाठशाला के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से किसान पारंपरिक खेती से हटकर वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं. उप-परियोजना निदेशक रणधीर कुमार ने किसानों से अपील की कि वे प्रशिक्षण में सीखी गई बातों को अपनी खेती में लागू करें और अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने बताया कि आत्मा योजना के तहत समय-समय पर इस प्रकार की किसान पाठशालाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें फसल उत्पादन, कीट प्रबंधन, सिंचाई तकनीक और विपणन से संबंधित जानकारी दी जाती है. राकेश कुमार सिंह, जयप्रकाश सिंह, विवेक कुमार सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, नितेश कुमार सिंह और अजीत कुमार सिंह सहित अन्य किसान शामिल रहे.

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