ब्रह्मपुर
. प्रखंड क्षेत्र के खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड में कांट, रघुनाथपुर ,भदवर , बगेन व पोखरहां सहित अन्य पंचायतों के कुल 40 किसानों का किसान रजिस्ट्रेशन को तीन साल के लिए बंद करने साथ ही और फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की पहचान जा रही है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवानंद रजक ने बताया कि प्रखंड के किसानों को खेतों में फसल अवशेष नहीं जलाने के बारे में जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रखंड में किसानों के द्वारा फसल अवशेष जलाने वाले स्थानों की भी जांच की जा रही है. फसल अवशेष को जलाने से हवा के साथ ही खेतों की भूमि को भी भारी नुकसान होता है. कृषि के जानकारों की माने तो एक टन पराली जलाने पर 60 किलो कार्बन मोनाऑक्साइड, 1460 किलो कार्बन डाइऑक्साइड, दो किलो सल्फर डाइऑक्साइड गैस हवा को प्रदूषित करने का काम करती है. भूमि की उर्वरा शक्ति के नष्ट होने के साथ ही विभिन्न प्रकार के कीट भी मर जाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है