बक्सर. शक्ति की देवी मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र सोमवार को कलश स्थापन के साथ प्रारंभ होगा. पहले दिन कलश स्थापन के उपरांत माता रानी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की जायेगी तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जायेगा. जबकि नवमी तिथि के हवन-पूजन के साथ एक अक्तूबर को नवरात्र का समापन होगा. आश्विन शुक्ल चतुर्थी तिथि की वृद्धि के कारण इस बार शारदीय नवरात्र 10 दिनों का हो रहा है. महाष्टमी एवं महानवमी व्रत 30 सितंबर को किया जायेगा, जबकि नवमी एक अक्टूबर को होगा. पंडालों में स्थापित माता रानी का पट सप्तमी तिथि को मूल नक्षत्र में खोला जायेगा. ज्योतिषाचार्य पं मुन्ना जी चौबे के मुताबिक सप्तमी तिथि 28 सितंबर को दिन में 10.44 बजे से शुरू होकर 29 सितंबर को दोपहर 12.26 बजे तक रह रही है, जबकि मूल नक्षत्र 28 सितंबर को की रात 1.29 बजे से 29 सितंबर की रात 3.33 बजे तक भोग कर रही है. वही कलश स्थापन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 22 सितंबर की प्रात: 06 बजे से दोपहर तक कभी भी करना श्रेयस्कर है. इस बार अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न 11.33 बजे से 12.23 बजे तक है. जबकि कलश स्थापना के लिए अमृत मुहूर्त प्रात: 6 से 8 बजे तक एवं सुबह 08.30 से 10.30 मिनट तक है. हाथी पर आगमन एवं डोली पर होगा गमन इस नवरात्र में मां भगवती का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसका फल अति वृष्टि है. जबकि माता रानी का गमन डोली पर हो रहा है, जिसका फल अत्यंत लाभकारी एवं सुखदायक होता है. ऐसे में इस बार माता का आगमन एवं गमन दोनों अति शुभकारी एवं कल्याणकारी है. नौ दिवसीय पर्व की तैयारियां पूरी : नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र की तैयारियां रविवार को पूरी कर ली गयी. इसको लेकर लोग अपने घरों की सफाई किया और पूजन सामग्रियों की खरीदारी किया. इसके कारण बाजारों में चहल-पहल बढ़ गया था. दुकानों पर देर रात तक खरीदारों की भीड़ लगी रही. लिहाजा दुकानदार दिनभर व्यस्त रहे.
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