डुमरांव
. कृष्णाब्रह्म को चक्की, भरियार, कठार समेत दर्जनों गांवों से जोड़ने वाली कृष्णाब्रह्म-चक्की मुख्य मार्ग इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह मार्ग अब एक चालू सड़क कम और गड्ढों से भरी दलदली राह अधिक प्रतीत होती है. जहां बरसात का पानी गड्ढों में समाकर राहगीरों के लिए जाल बन गया है. हाल की मूसलाधार वर्षा ने इस जर्जर सड़क को और भी नारकीय बना दिया है। सड़क के हर मोड़, हर मोर्चे पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें पानी भर जाने से उनकी गहराई का अंदाजा लगाना असंभव हो गया है. ऐसे में दोपहिया वाहन चालकों, इ-रिक्शा चालकों और पैदल यात्रियों को भारी जोखिम उठाकर सफर करना पड़ रहा है. कई बार तो गड्ढे दिखाई नहीं देते और लोग वाहन समेत गिरकर घायल हो जाते हैं. स्थानीय निवासी मुकेश कुमार ने चिंता जताते हुए बताया, यह सड़क हमारे लिए केवल एक रास्ता नहीं, बल्कि जीवनरेखा है. इसी मार्ग से हम विद्यालय, अस्पताल, स्टेशन व बाजार तक पहुंचते हैं. लेकिन वर्षों से इस सड़क की कोई मरम्मत नहीं हुई है. अब स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.संक्रमण और दुर्गंध से ग्रामीण बेहालबारिश का पानी सड़क के गड्ढों में भरकर स्थायी जलजमाव में बदल गया है. इससे क्षेत्र में तेज़ दुर्गंध फैल रही है और संक्रमण, मच्छरों के प्रकोप और डेंगू-चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि अब हालात ऐसे हैं कि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए इस मार्ग पर चलना मुश्किल है.विकास के दावों की खुल रही पोलयह सड़क मार्ग न केवल चक्की व भरियार जैसे गांवों को कृष्णाब्रह्म से जोड़ता है, बल्कि टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन व एनएच-922 (पटना-बक्सर मार्ग) तक पहुंचने का जरिया भी है. बावजूद इसके, विकास के तमाम सरकारी दावों की पोल इस मार्ग की स्थिति स्वयं खोल रही है.
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