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Buxar News: समय रहते तनाव को दूर करना जरूरी : डॉ संजय

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इस समय बिहार में मैट्रिक की परीक्षा चल रहा है जिसके कारण बहुत से विद्यार्थी परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान तनाव में रहते हैं

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डुमरांव

. इस समय बिहार में मैट्रिक की परीक्षा चल रहा है जिसके कारण बहुत से विद्यार्थी परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान तनाव में रहते हैं. उक्त जानकारी देते हुए योग प्रशिक्षक डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव व खुद या दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करने के भय का परिणाम होता है.

नींद व भूख न लगना तथा ध्यान केंद्रित करने में समस्या होने के रूप में हम परीक्षा के तवान को अनुभव कर सकते हैं. इस लिए परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए समय रहते तनाव को दूर करना अत्यंत आवश्यक है. इसके लिए हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही भरपूर नींद लेना जरूरी है. हमें इस दौरान योगाभ्यास जरूर करना चाहिए, परीक्षा के समय अपनी पसंद की गतिविधियों के लिए समय निकालकर अपना ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है. योग की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले योग प्रशिक्षक डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि तनाव को कम करने के लिए परिक्षार्थी इस तरीके को अपनाएं पहला मन को शांत रखने के लिए विश्राम तकनीकों का अभ्यास जैसे कि गहरी सांस लेना, ध्यान एवं योग का नियमित अभ्यास करना और दूसरा शारीरिक गतिविधि के लिए समय निकालें. योग की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले योग प्रशिक्षक डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि तनाव को कम करने के लिए परिक्षार्थी इस तरीके को अपनाएं पहला मन को शांत रखने के लिए विश्राम तकनीकों का अभ्यास जैसे कि गहरी सांस लेना, ध्यान एवं योग का नियमित अभ्यास करना और दूसरा शारीरिक गतिविधि के लिए समय निकालें,भले ही यह सिर्फ कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग हो या कुछ देर तेज चलना ही क्यों न हो और तीसरा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए परीक्षा से पहले व इसके दौरान परीक्षार्थी उचित नींद लेना सुनिश्चित करें चौथा अध्ययन के दौरान खुद को स्फूर्तिवान बनाने के लिए बीच-बीच में अल्प समय के लिए विराम लेना महत्वपूर्ण होता है.पांचवां अल्प विराम के दौरान सकारात्मक व मनपसंद कार्य कर सकते हैं, छठवां परीक्षा से पूर्व या इसके दौरान अकेला व असहाय महसूस करने पर अपने परिजनों, मित्रों या वरिष्ठों से जरूर समस्या साझा करें, सातवां कुछ गंभीर अवसादकारक मामलों में पेशेवर मनोवैज्ञानिकों की सहायता भी ली जा सकती है, आठवां परीक्षा समाप्त होने पर सहपाठियों से तुरंत प्रश्नों पर चर्चा करने से बचें, कुछ उत्तर भिन्न मिल सकते हैं, ऐसे में पछतावा करना ठीक नहीं, और नौवां परीक्षा समाप्त होने के बाद सकारात्मक रूप से आनंददायक कार्य करना चाहिए, यह सभी नियमों का पालन करके विद्यार्थी परीक्षा के टेंशन से बच सकते है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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