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Buxar News: लघु सिचाई विभाग का वेबसाइट बंद होने से मुख्यमंत्री निजी नल योजना का नहीं मिल रहा अनुदान की राशि

सात निश्चय योजना टू के तहत हर खेत सिचाई का पानी पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निजी नल नलकूप योजना के तहत निजी नलकूप पर अनुदान की राशि देने की शुरूआत वित्तीय वर्ष 2024-25 में किया गया.

बक्सर

. सात निश्चय योजना टू के तहत हर खेत सिचाई का पानी पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निजी नल नलकूप योजना के तहत निजी नलकूप पर अनुदान की राशि देने की शुरूआत वित्तीय वर्ष 2024-25 में किया गया. योजना का लाभ लेने के लिए जिले के किसानों से लघु सिचाई विभाग ने विभाग के बेवसाइट पर आवेदन मांगा था. नवम्बर 2024 से लेकर आज कुल 841 आवेदन विभाग को प्राप्त हुआ था. प्राप्त आवेदन में से 836 आवेदन का स्थल निरीक्षण करते हुए 702 आवेदन स्वीकृति दिया गया था. जबकि 397 किसानों ने दावा किया था. लेकिन 136 किसानों को दो माह से विभागीय वेबसाइट बंद होने के पहले ही लाभ मिल गया था.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुई थी योजना की शुरुआतमुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना की शुरुआत वित्तीय वर्ष 2024-25 में की गई थी. इस योजना के अंतर्गत किसानों को निजी नलकूप स्थापित करने पर अनुदान दिया जाना था. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा को बेहतर बनाना और खेती को कम खर्चीला बनाना था. इसके लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया.

अब तक 841 आवेदन प्राप्त, लेकिन सिर्फ 136 को मिला अनुदानलघु सिचाई विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, योजना की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 841 आवेदन प्राप्त हुए हैं.इनमें से 836 आवेदनों का स्थल निरीक्षण किया गया, और 702 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई. हालांकि, विभागीय वेबसाइट के बंद हो जाने के कारण अब तक सिर्फ 136 किसानों को ही अनुदान की राशि मिल सकी है.यानी 556 स्वीकृत किसानों को अब तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

तकनीकी खामी बन रही बाधालघु सिचाई विभाग की वेबसाइट बीते दो महीनों से तकनीकी कारणों से बंद है.विभागीय अधिकारी स्वयं इस समस्या को स्वीकार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हो पाया है.इस कारण न केवल पुराने आवेदकों को भुगतान नहीं मिल पा रहा है, बल्कि नए किसानों के लिए आवेदन करने का रास्ता भी बंद हो गया है.

किसानों में नाराजगी, योजना की विश्वसनीयता पर सवालइस स्थिति ने जिले के किसानों के बीच निराशा और नाराजगी को जन्म दिया है .किसानों का कहना है कि सरकार योजनाएं तो लाती है, लेकिन उसे लागू करने में गंभीरता नहीं दिखाती. जिले के किसान राजेश कुमार ने बताया मैंने दो महीने पहले सारी प्रकिया पुरू कर लिया था जब अनुदान कि राशि का समय आया तो विभाग के द्वारा वेबसाइट ही बंद कर दिया. लधु सिचाई विभाग के अधिकारियों से पूछने पर कहां जाता है कि विभाग के द्वारा ही वेबसाइट बंद किया गया है जैसे ही खुलेगा वैसे भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दिया जाएंगे.

397 किसानों ने खुद से कराया था स्थल निरीक्षणदिलचस्प बात यह है कि 397 किसानों ने अपने स्तर पर स्थल निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी करवाई थी, ताकि योजना के तहत अनुदान शीघ्र मिल सकें.इन किसानों की पहल भी विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गई है.विभाग के पास सभी दस्तावेज और निरीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध हैं, फिर भी तकनीकी अड़चन की वजह से राशि ट्रांसफर नहीं की जा रही है.

क्या बोले अधिकारीलघु सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार ने बताया कि वेबसाइट में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं. उसी कारण अनुदान की राशि भुगतान में समस्या आ रहा है.

जैसे वेबसाइट फिर से चालू हो जाएगा . लंबित सभी आवेदनों का भुगतान कर दिया जाएगा.

रंजीत कुमारकार्यपालक अभियंता लधु सिचाई

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