बक्सर
. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे जिले में बाढ़ का खतरा सताने लगा है. जलस्तर वृद्धि का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो गंगा के तटवर्ती इलाके के निचले क्षेत्रों में बाढ़ के पानी तबाही मचना तय है. एक दिन पूर्व गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर लाल निशान से मात्र 25 सेंटीमीटर कम था. गुरुवार की शाम 5 बजे गंगा का पानी 60.35 मीटर हो गया था. जो खतरे के निशान 60.32 मीटर से 3 सेमी ऊपर था और एक सेमी प्रति घंटे के हिसाब से जलस्तर में बढ़ोतरी जारी थी. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार की पूर्वाह्न 8 बजे गंगा का जलस्तर 60.26 मीटर था, जो एक सेमी प्रति घंटे की गति से बढ़ते हुए अपराह्न 02 बजे खतरे के निशान 60.32 मीटर पर पहुंच गया. बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. गंगा के जलस्तर पर बराबर नजर रखी जा रही है. गंगा का जलस्तर लाल निशान पार करने के बाद तटीय इलाके के निचले हिस्सों में पानी प्रवेश कर गया है. शहर के रामरेखाघाट स्थित विवाह मंडप में पानी प्रवेश कर गया है, वही चरित्रवन स्थित श्मशानघाट पर शव दाह में परेशानी होने लगी है. गंगा के पानी का दबाव बढ़ने से सहायक नदियों में भी उफान आ गया है. जिसका नतीजा यह है कि ठोरा व कर्मनाशा समेत अन्य सहायक नदियों के तटवर्ती खेतों में खड़ी फसल डूब गई है. बक्सर-कोइलवर तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गई है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की माने तो अभी बाढ़ का पानी तटबंध से दूर है. लिहाजा तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

