बक्सर
कोर्ट
. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेशानुसार समझौते के आधार पर मामले को निष्पादित करने के संबंध में बैठक बुलाई गई है. ऐसा देखने को मिला है कि सड़क दुर्घटना संबंधित मामले न्यायालय में विगत कई वर्षों से लंबित है. बीमा कंपनी को समझौते के आधार पर मामलों को निष्पादित करा लेना चाहिए जो कंपनी के लिए फायदेमंद होगा तथा अनावश्यक खर्च से बचाव होगा. उक्त बातें जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश देवराज ने बीमा कंपनी के अधिकारियों एवं पैनल अधिवक्ताओं से बैठक के दौरान कही. बताते चलें कि ऐसे कई मामले पाए गए हैं जिनमें गलत पॉलिसी के कागजात दाखिल किए गए थे. न्यायाधीश ने ऐसे मामलों को चिन्हित करने को कहा, उन्होंने इसे बहुत गंभीरता से लेते हुए कहा कि मामलों को चिन्हित कर प्राथमिकी दर्ज कराया जाएगा तथा जाली कागजात लगाने वाले वाहन मालिकों या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बताते चले की सड़क दुर्घटना के बाद वाहनों के बेल कराने के समय कई बार ऐसा देखने को मिला है कि बीमा के कागजात नहीं रहने पर वाहन मालिकों द्वारा फेक कागजात लगाकर गाड़ियों की जमानत करा ली जाती है तथा बाद में उन्हें कागजातों के आधार पर पीड़ित परिजन सड़क दुर्घटना संबंधित लाभ के लिए परिवाद दाखिल कर देते हैं, जब बीमा कंपनी द्वारा कागजातों की जांच किया जाता है तो वास्तविकता सामने आ जाती है. ऐसे मामलों को लेकर न्यायालय काफी सख्त है ऐसे में जाली कागजातों वाले वाहन मालिकों पर शिकंजा कसने की संभावना बढ़ गयी है. बैठक में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक विकास कुमार, अधिवक्ता सुरेंद्र चौबे ,मनोज कुमार राय, मनोज कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

