डुमरांव
. इलाके के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों किसानों को खेती की शुरुआत में पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. किसानों का कहना है कि जो किसान समरसेबल से खेतों में पानी कर धान का बीज डालें हैं उन्हें अब, डाले गए बीज को बचाने के लिए नहरों में पानी नहीं आने से बारिश होने का इंतजार करना पड़ रहा है. इसको लेकर किसान आसमान में टकटकी लगाए बैठे हैं. वहीं सिकरौल-डुमरांव और कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा में पानी नहीं आने से किसान अपने खेतों में धान का बीज नहीं डाल पा रहे हैं. पानी के अभाव में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस हालत में जहां कुछ जगहों पर किसान अपने खेतों में समरसेबल और अन्य सुविधाओं से पानी की व्यवस्था कर खेतों में बीज डाल चुके हैं, वहां के किसान खेतों में डाले गए बीज को बचाने के लिए पानी के आभाव में चिंतित और मायूस हैं, किसान नेता संतोष दूबे ने बताया कि नहर में पानी नहीं आने से किसान काफी परेशान हैं, वहीं जलस्तर नीचे जाने के वजह से खेतों में लगे मोटर भी नहीं चल पा रहे हैं अब तो भगवान भरोसे ही किसान अपने खेतों में बीज डाल पाएंगें, किसान नेता दूबे ने कहा कि अगर 15 जून तक नहरों में पानी नहीं आता है. तो नहर विभाग के विरुद्ध किसान सड़क पर उतरकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे, वहीं किसानों ने कहा कि किसानों का कोई सुध लेने वाला नहीं, शासन प्रशासन किसानों के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार करती रही है, जो किसान पूरे देश का पेट भरने का काम करते हैं आज वही किसान पानी के अभाव में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, किसानों ने कहा कि खेती के समय पर नहरों में पानी नहीं आता है, नहरों में पानी नहीं आने से किसान काफी परेशान हैं, किसानों ने कहा कि धान का बीज खेतों में कैसे डाला जाए समझ नहीं आता, किसान करें तो क्या करें लोगों ने कहा कि अब तो लगता है कि खेती किसानी का काम छोड़कर बाहर पलायन करना पड़ेगा, क्योंकि ना तो किसानों को समय पर नहर में पानी मिल पा रहा है ना ही समय पर सरकार खाद व बीज देती है, सिर्फ झूठ बोलने में सरकार माहिर है, लोगों ने कहा कि सरकार को और नहर विभाग को हम सभी किसान चेतावनी देते हैं अगर 15 जून तक सिकरौल-डुमरांव और कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा में पानी नहीं छोड़ा गया तो जिला प्रशासन नहर विभाग एवं सरकार के विरुद्ध चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा.– क्या कहते हैं किसाननहर में पानी नहीं आने से किसान काफी परेशान हैं, वहीं जलस्तर नीचे जाने के वजह से खेतों में लगे मोटर भी जबाब दे दिए हैं. : संतोष दूबे, फोटो संतोष दूबे, किसान नेताना तो नहर में पानी है और नाही बोरिंग काम कर रहा है अब तो किसानों का आसरा प्राकृतिक वर्षा पर हीं टिकी हुई हैं.: फोटो- साधु दूबे किसानकिसानों का कोई रहनुमा नहीं है जब- जब चुनाव आता है तो किसानों की मुद्दा उठाई जाती है लेकिन किसानों के लिए सरकार ने आज तक कोई कार्य नहीं किया. : फोटो- विनोद कुशवाहा, किसान
– अगर 72 घंटे में नहरों में पानी नहीं आता है तो नहर विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध चरणबद्ध तरीके से धरना प्रदर्शन किया जाएगा. फोटो- कमल नारायण पांडेयडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

