डुमरांव .
शनिवार को डुमरांव प्रखंड अंतर्गत अटांव पंचायत के इकौनी गांव के किसानों को कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए मिट्टी की जांच कराने हेतु प्रेरित किया गया. इसकी जानकारी देते हुए सहायक तकनीकी प्रबंधक विवेकानंद उपाध्याय नें बताया की किसान मिट्टी की उर्वरता को बिना जाने अपने अंदाज से विभिन्न फसलों में उर्वरक का प्रयोग अंधाधुंध तरीके से कर रहे हैं और यह सोच रहे हैं की जितनी ज्यादा उर्वरक का प्रयोग हम अपनी फसलों में करेंगे, उतनी ही ज्यादा पैदावार होगी, लेकिन यह धारणा सही नहीं है. उन्होंने बताया कि किसानों को चाहिए की सर्वप्रथम अपनी मिट्टी की जांच करायें, उसके बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड में विभिन्न फसलों हेतु निर्धारित मात्रा में ही उर्वरक का प्रयोग करें, जिससे लागत भी कम लगेगी और उपज भी भरपूर होगी एवं फसलों में रोगों का प्रकोप भी कम होगा. श्री उपाध्याय नें बताया की मिट्टी जांच हेतु नमूना लेने के लिए सर्वप्रथम खाली खेत का चुनाव किया जाय, तत्पश्चात मेढ़ से कमसे कम 3 मीटर जगह छोड़कर चार से पांच स्थानों से मिट्टी लिया जाय, उन्होंने बताया कि मिट्टी लेने के लिए खेत में ”भी” आकार का एक गड्ढा बनाते हैं, इस गड्ढें की मिट्टी को बाहर निकाल देते हैं, फिर इसके दोनों तरफ से एक पतली सी परत निकाल लेते हैं, जिससे सतह से 6 इंच गहराई तक एक समान मोटाई की मिट्टी मिल जायेगी, इस प्रकार चार पांच जगह से मिट्टी लेकर उसे आपस में मिलाकर चार भाग कर देंगे, जिसमें से दो भाग ले लेंगे, दो छोड़ देंगे, फिर इस दो भाग को आपस में मिलाएंगे और चार भाग कर देंगे, इसमें से भी दो भाग लेंगे तो छोड़ देंगे, यह प्रक्रिया किसान तब तक करेंगे, ज़ब तक मिट्टी 500 ग्राम न हो जाये, इसके बाद इस मिट्टी को पॉलीथिन में भरकर अपना नाम पता, खाता खेसरा इत्यादि लिखकर अपने किसान सलाहकार को दे देंगे और किसान सलाहकार उक्त मिट्टी को जिला स्तरीय अथवा अनुमंडल स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला से मिट्टी की जांच कराते हुए संबंधित किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान कर देंगे, मौके पर सहायक तकनीकी प्रबंधक कल्याणी कुमारी एवं आत्मा द्वारा गठित किये गये खाद्य सुरक्षा समूह की महिला किसान उपस्थित रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है