बक्सर. विद्यालय निरीक्षण के क्रम में पायी गयी अनियमितताओं के बिंदुओं पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने राजपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय इटढ़िया एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय दुल्फा के प्रभारी प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण किया है. स्पष्टीकरण का जबाव नहीं देने पर विभागीय नियमानुसार प्रभारी प्रधानाध्यापकों पर नियमानुसार कारवाई की जाएगी. पत्र के माध्यम से कहा गया है कि डीईओ द्धारा 17 अप्रैल को उनके विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के क्रम में काफी अनियमितता पाई गई थी. जारी पत्र के अनुसार निरीक्षण निरीक्षण के समय पूर्वाहन 7:05 बजे तक चेतना सत्र का आयोजन नहीं किया गया था. जबकि चेतना सत्र का समय 6:30 बजे से 7:00 बजे तक विभाग द्वारा निर्धारित है. 7:00 बजे से पहली घंटी प्रारम्भ की जानी है. इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि आपके द्वारा विद्यालय संचालन में घोर लापरवाही एवं मनमानी बरती जाती है. वहीं शिक्षक अभय कुमार पाठक, संतोष कुमार सिंह, राजु कुमार सिंह तथा शिक्षिका रामरती देवी बिना सूचना अनुपस्थित पायी गयीं. बाद में निरीक्षण के क्रम में ही रामरती देवी एवं अभय कुमार पाठक विलंब से उपस्थित हुये. संभवतः इन्हें उनके द्धारा की जा रही निरीक्षण को ले आने की सूचना मिल गयी थी. स्पष्ट प्रतीत होता है कि आपके विद्यालय के शिक्षक समय से विद्यालय नहीं आते हैं तथा प्रायः अनुपस्थित भी रहते हैं जो बगैर आपकी मिली भगत के संभव नहीं है. एमडीएम पंजी माह मार्च से ही अद्यतन नहीं पाया गया. अवशेष चावल आदि भी पंजी पर अंकित नहीं किया गया है. स्पष्ट है कि मध्याहन भोजन के संचालन में अनियमितता की जाती है. रसोई घर का निरीक्षण करने पर रसोईया को आलू काटते तथा चावल साफ करते हुये पाया गया. हरी सब्जी बिल्कुल भी नहीं पाया गया. निर्धारित मिनू के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया जाता है और राशि का गबन कर लिया जाता है. नामांकन पंजी के आधार पर कुल नामांकन 276 बताया गया. जिसके विरुद्ध मात्र 141 छात्र उपस्थित पाये गये, जबकि निरीक्षण तिथि को छोड़कर शेष दिनों में 200-240 छात्रों को एमडीएम खिलाने का प्रतिवेदन दिया गया है. एमडीएम प्रतिवेदन में कुल नामांकन 316 बताया जा रहा है. स्पष्ट है कि औसतन 75 बच्चों का अधिक उपस्थिति दिखाकर मध्याहन भोजन योजना की राशि का गबन कर लिया गया है. विद्यालय को प्राप्त कम्पोजिट ग्रांट की राशि के व्यय से संबंधित बिल भाउचर भी नहीं दिखाया गया. स्पष्ट है कि कम्पोजिट ग्रांट की राशि का भी गबन कर लिया गया है. एक कमरे में बेंच डेस्क रखा हुआ पाया गया जिसका उपयोग नहीं होता है. विद्यालय में साफ-सफाई बिल्कुल भी नहीं होता है, परन्तु सफाई कर्मी का भुगतान संवेदक से मिलीभगत करके कराया जाता है. पर्याप्त शिक्षक एवं कमरा उपलब्ध रहते हुये भी एक कमरे में दो-दो कक्षाएं संचालित करायी जाती है, जबकि विभाग का स्पष्ट निदेश है कि कमरा उपलब्ध रहने पर एक कमरे में एक ही वर्ग संचालित करना है. उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्ग 9 एवं वर्ग 11 में नामांकन इत्यादि में प्राप्त राशि के साथ ही अन्य कमियों को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रभारी प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण किया है.
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