धनसोई
. प्रतिभा किसी का मोहताज नही होता. अगर हौसला है आसमान में छाए का तो आपको कोई रोक नहीं सकता. इसका जीवंत उदाहरण धनसोई क्षेत्र के रहने वाली बच्चियों ने कर दिखाया हैं. बेटों की चाह रखने वालो को इस गांव की बेटियों ने आइना दिखाया है. चिरैयाटांड़ गांव के रहने वाले सुरेंद्र सिंह यादव की दो बेटियों ने एक साथ सरकारी नौकरी पाकर अपने परिवार का नाम रौशन किया है. इनके पिता सुरेंद्र यादव पेशे से किसान है और उनकी पांच बेटी है, जिनमे इनकी बड़ी बेटी निभा कुमारी ने बीपीएससी 3 के द्वारा शिक्षिका के पद पर चयनित हुई. वह छात्र-छात्राओं में ज्ञान बाट कर उनका भविष्य निर्माण कर रही है. जबकि दूसरी बेटी बिभा कुमारी बिहार पुलिस में सिपाही के पद चयनित किया गया है. साथ ही पड़ोसी जिले के गंगाढ़ी गांव निवासी दयानंद यादव बेटी दिव्या कुमारी का चयन बिहार पुलिस सिपाही में हुआ है. इन तीनों बेटियो को आई मास कंप्यूटर सेंटर धनसोई के निदेशक समाजसेवी डब्लू पाठक ने अंग वस्त्र और पौधा देकर सम्मानित किया. अपने संबोधन में संस्थान निदेशक ने कहा कि इन तीनों की सफलता ने क्षेत्र का मान और सम्मान बढ़ाया है. ये उन बेटियों की सपनों, संघषों और हौसलो कि कहानी है जिन्होंने समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़कर अपनी मंजिल पाई है. इन बेटियों के लिए यह सिर्फ एक नौकरी नही बल्कि उनके स्वभिमान और अस्तित्व की नई पहचान है. कल तक जिन बेटियों की पूरी जिंदगी घर की चार दिवारी तक सीमित थी, जिनकी पढ़ाई पूरी होने से पहले शादी की बात शुरू हो जाती थी, आज वही बेटियों ने पुलिस की वर्दी पहनकर बिहार की सेवा के लिए तैयार है. इन बेटियों के लिए जो यहाँ तक का सफर इतना आसानी से पार नही किया होगा न जाने कितने लोगों का उन्होंने ताना सुना होगा और क्या कुछ नही कहा होगा, पर उन्होंने हार नही मानी और अपनी प्रतिभा से सब आलोचकों को जवाब दिया हैं. सम्मान समारोह के मौके पर शिक्षक और छात्र से साथ परिजन भी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है