बक्सर कोर्ट.
पुत्री का नाबालिक उम्र बताकर प्राथमिकी दर्ज कराना एक पिता को महंगा पड़ गया. कोर्ट ने उल्टे सूचक के खिलाफ ही संज्ञान लिया है. बताते चले कि मुरार थाना की खेवली गांव का रहने वाला शिवमन कुमार राम अपनी नाबालिग लड़की के शादी की नीयत से अपहरण के मामले को लेकर उसी गांव के रहने वाले मोहन के खिलाफ मार्च 2023 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी .न्यायालय में सुनवाई के दौरान मैट्रिक प्रमाण पत्र के अनुसार लड़की को घटना के समय बालिक पाया गया था . न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि सूचक जानबूझकर यह तथ्य छुपाया है जिसके चलते अभियुक्त को जेल जाना पड़ा. कोर्ट ने पॉक्सो की भारत धारा 22 के तहत सूचक शिवमन कुमार राम के खिलाफ संज्ञान लेकर सम्मान जारी किया है. बताते चले की पोक्सो की धारा 22 के अनुसार गलत मुकदमा दाखिल करने पर अभियुक्त को 1 वर्ष तक के कारावास की सजा एवं जुर्माना हो सकता है.नाबालिक से छेड़खानी के मामले में पाया गया दोषी, फैसला सुरक्षितराजपुर थाना की संख्या 98 /2023 एवं पॉक्सो कांड संख्या 34/ 2023 में राजपुर थाना के कोचारी गांव का रहने वाला लालू चौधरी को पॉक्सो की धारा 8 एवं आईपीसी की धारा 354 बी के तहत दोषी करार दिया गया है. उक्त फैसला पॉक्सो की विशेष अदालत ने सुनाया. इस संबंध में विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि सजा के बिंदु पर फैसला सुरक्षित है जिसे बाद में सुनाया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

