ब्रह्मपुर
. एक और जहां हम सब अपनी जिम्मेदारी को भूलकर प्रकृति के दोहन में लगे हैं. वहीं भावी पीढ़ी पर्यावरण के संरक्षण को लेकर जागरूक हो चला है. इसका सीधा असर दिखाई दिया रामानंद मध्य विद्यालय रघुनाथपुर में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के जिला संयोजक शैलेश कुमार ओझा एवं विशाल सिंह के नेतृत्व में स्कूल के बच्चों ने मिट्टी के लड्डू अभियान के तहत नीम, बबूल, पीपल, अशोक, गुलमोहर आदि के बीजों से सीड् बॉल बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया. बीज से लेकर पौध और पौध से वृक्ष की संभावनाओं को लेकर छात्र जिशान अंसारी, ऋषभ कुमार, नीरज कुमार, अफजल अली, मंतोष कुमार सहित विद्यालय के अन्य छात्र सीड बॉल बनाने में व्यस्त रहे. बच्चों को सीड बॉल बनाने की विधि ओर उपयोगिता को समझाते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता शैलेश ओझा ने कहा कि पेड़-पौधे जीवन की वो इकाई हैं. जिसके कारण पृथ्वी पर जीव-जंतुओं का अस्तित्व है. स्वच्छ पर्यावरण के बिना मानव जीवन अधूरा है. पौधारोपण हमारी जरूरत ही नहीं जिम्मेदारी भी है. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शहनाज बेगम, रामलाल सिंह, अनिल कुमार, अशोक प्रसाद, मो. आजाद, मो. फरीद, राजकपूर प्रसाद, भीष्म प्रताप , संतोष कुमार एवं नासिर हुसैन आदि शिक्षकों ने भी इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के अभियान से बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा होगी और हम आने वाली पीढ़ियों को बेहतर कल दे पाएंगे. क्या है सीड बॉल : सीड बॉल से बीज स्वत: अंकुरित होकर जमीन में स्थाई हो जाता है. इस तकनीक से हर प्रकार के पौधे तैयार किए जा सकते हैं. सीड बॉल बनाने के लिए खेत की मिट्टी में एक चौथाई बालू व उतनी ही मात्रा में गोबर खाद को मिलाकर आटे की तरह गूंथ लेना चाहिए. उसके बाद बीज के आकार के हिसाब से मिट्टी लेकर उसमें बीज को भरते हुए लड्डू जैसा गोला बनाएं. लड्डू बनने के बाद छाए में सुखा लें. इसके बाद खाली स्थान पर रोप दें. बारिश की नमी मिलते ही बीज अंकुरित हो जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है