बक्सर
. जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया को और सरल बनाने का काम जारी है. इसको लेकर राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में यह प्रमाणपत्र पंचायत सचिव द्वारा ही जारी किए जाएंगे. इससे ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और उन्हें अपने ही पंचायत सरकार भवन में यह सुविधा मिलेगी. लेकिन वर्तमान स्थिति में जन्म – मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रखंड व पंचायत का चक्कर लगाना पड़ता है. शनिवार को देखा गया जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग सदर प्रखंड में पहुचते है. सरकार के इस फैसला से अब ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. सरकार ने इसे पंचायत स्तर पर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पंचायत सरकार भवन में ही जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे और इसकी जिम्मेदारी पंचायत सचिव को सौंपी जाएगी. इस व्यवस्था से ग्रामीण जनता को समय, पैसा और श्रम तीनों की बचत होगी. इसके लिए पंचायत सरकार भवन में अलग से काउंटर खुलेगा. दिनों में प्रत्येक पंचायत सरकार भवन में प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अलग से काउंटर खोल दिए जाएंगे. जहां आवेदक अपना आवेदन जमा करेंगे, जिसका सत्यापन पंचायत सचिव के स्तर पर किया जाएगा. सत्यापन के बाद उसी काउंटर से प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया जाएगा. अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से इस दिशा में पहल शुरू कर दी गई है और राज्य सरकार को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी है.ग्रामीणों को होगी बड़ी सहूलियतअब तक ग्रामीणों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के पास जाना पड़ता था. वहां सीमित स्टाफ और एक ही काउंटर होने के कारण लंबी लाइनें लगती थीं और दलाल सक्रिय रहते थे. इन समस्याओं को देखते हुए निदेशालय ने पंचायत स्तर पर प्रमाणपत्र निर्गत करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में प्रखंड संख्यिकी पदाधिकारी सदर से पूछा गया तो उनके द्वारा एक शब्द में साफ़- साफ कहा गया कि प्रधान सचिव योजना विकास के आदेश से तत्काल प्रभाव से 19 मई के नोटिफिकेशन के बाद जन्म – मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने का काम बंद कर दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

