ब्रह्मपुर. प्रदेश में पड़ रही भीषण ठंड और शीतलहर के बीच शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आयी है. प्रखंड क्षेत्र के रघुनाथपुर में लगभग दर्जनों की संख्या में ऐसे आवासीय स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनके पास न तो मान्यता है और न ही अनिवार्य पंजीकरण. ताज्जुब की बात यह है कि सरकारी आदेशों को ताक पर रखकर इन स्कूलों में बच्चों को रखा जा रहा है. इन कथित आवासीय स्कूलों में सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. घने कोहरे और गिरते तापमान के बावजूद, इन केंद्रों में बच्चों के रहने और खान-पान की व्यवस्था बेहद दयनीय है. कई स्कूलों में कमरों में उचित वेंटिलेशन और हीटिंग की व्यवस्था नहीं है. शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी आवासीय संस्थान को चलाने के लिए फायर सेफ्टी, स्वास्थ्य विभाग और बाल कल्याण समिति से एनओसी लेना अनिवार्य है, जिसे इन संचालकों ने नजरअंदाज कर दिया है. बिना पंजीकरण के होने के कारण प्रशासन के पास इन बच्चों का कोई आधिकारिक डेटा भी उपलब्ध नहीं है. ग्रामीण इलाकों के कई अभिभावक बेहतर शिक्षा के नाम पर अपने बच्चों को इन संस्थानों में भेज देते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये स्कूल ऊंचे दावों के साथ विज्ञापन करते हैं, लेकिन असलियत में यहां बच्चों को न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं. भीषण ठंड में जब सरकार ने सामान्य स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी हैं, तब इन आवासीय स्कूलों में बच्चों को रखना उनकी जान जोखिम में डालने जैसा है.
मेरी जानकारी के अनुसार बक्सर प्रखंड में ऐसा कोई स्कूल नहीं चल रहा है. जांच कर संचालित स्कूल पर कार्रवाई की जायेगी.
लक्की भाई एकता, प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, ब्रह्मपुर
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