बक्सर. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव द्वारा प्रमाणपत्र का सत्यापन नहीं करना महंगा पड़ गया है. सिविल कोर्ट बक्सर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय से माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को गिरफ्तार करने के लिए गैरजमानती वारंट जारीकिया है. सचिव की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय ने उत्तरप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार, एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुकदमे की सुनवाई में न्यायालय द्वारा एक आरोपित के प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए दो बार पत्र जारी किया गया था. लेकिन, सचिव के स्तर से कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ. जिसके कारण यह गैरजमानती वारंट जारी किया गया है.
उक्त मामला बलात्कार के प्रयास व लूटपाट से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2000 में 6 अक्टूबर को बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के सपही गांव में एक युवती ने उसी गांव के एक युवक पर बलात्कार की कोशिश व लूटपाट का मामला दर्ज कराया था. सुनवाई के क्रम में आरोपित ने खुद को किशोर बताते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (इलाहाबाद) का प्रमाणपत्र दाखिल किया था. जिसकी सत्यता पर पीड़ित पक्ष को संदेह था. न्यायालय ने उक्त प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए 30 मई 2015 को पत्र जारी किया था. लेकिन, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद न्यायालय ने 28 जुलाई 2016 को माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव से स्पष्टीकरण की मांग की. लेकिन, इसबार भी कोई जवाब नहीं मिला. जिसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को गिरफ्तार करने का गैरजमानतीय वारंट निर्गत किया है.
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