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उद्योग धंधे की स्थापना में जमीन बनी बाधक

सीएम के निश्चय यात्रा के दौरान उठेगा मामला सरकार से जमीन मांगने की हो रही तैयारी डुमरांव : इलाके में उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन की कमी बाधक बनी है. नगर तथा आसपास के एरिया में औद्योगिक प्रक्षेत्र नहीं होने से सक्षम उद्यमी मायूस हैं. बदलते बिहार में ऐसे लोग जमीन की कमी को […]

सीएम के निश्चय यात्रा के दौरान उठेगा मामला
सरकार से जमीन मांगने की हो रही तैयारी
डुमरांव : इलाके में उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन की कमी बाधक बनी है. नगर तथा आसपास के एरिया में औद्योगिक प्रक्षेत्र नहीं होने से सक्षम उद्यमी मायूस हैं. बदलते बिहार में ऐसे लोग जमीन की कमी को देख उद्योग की स्थापना में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार के निश्चय यात्रा के आगमन को लेकर एक बार फिर डुमरांव में उद्योगों की स्थापना की चर्चा होने लगी है. यात्रा के दौरान इलाके के बडे व्यवसायी व उद्यमी सीएम के समक्ष औद्योगिक प्रक्षेत्र के लिए ज़मीन की मांग को लेकर प्रमुखता से उठाने की तैयारी में हैं.
अनदेखी से बंद हुई औद्योगिक इकाइयां
डुमरांव महाराज की लालटेन फैक्टरी के परिचालन ने इस उद्योग को पूरे देश में ख्याति दिलाई. बिहार का इकलौता सूत मिल से निर्मित धागे की उद्योग जगत में अलग पहचान थी. सुप्रभात स्टील फैक्टरी व ग्लेज टाइल्स फैक्ट्री राजनीति की शिकार बनी. वहीं, इलाके के दर्जनों राइस मिलें बिजली तथा संसाधनों की कमी से बंद हो गयीं. उद्योग इकाइयों ने सिर्फ डुमरांव के उद्योग जगत को चौपट किया, बल्कि हजारों हाथों को भी बेरोजगार बना दिया.
क्या कहते हैं व्यवसायी
चावल व्यवसायी प्रकाश चंद्र राय कहते हैं कि राइस मिल को बड़ा स्वरूप देकर बेहतर काम किया जा सकता है. दवा व्यवसायी प्रदीप जायसवाल बताते हैं कि डुमरांव में औद्योगिक प्रक्षेत्र की स्थापना जरूरी है.
जमीन के अभाव में बड़े व्यवसायी यहां से पलायन कर रहे हैं. वहीं, व्यवसायी श्रीकांत, कृष्णा केसरी, सरोज सिंह, डॉ दिनेश, मदन कुमार, रमेश सिंह कहते हैं कि अपने गृह क्षेत्र में सुविधा मिले, तो कहीं और से बेहतर होगा यहां उद्योग लगाना. इस मामले को प्रमुखता से उठाया जायेगा. सीएम को जमीन की कमी से अवगत कराते हुए विकल्पों की बाबत भी जानकारी दी जायेगी.

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