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एक साथ निकलीं चार अरथियां

सवाल. क्या मुआवजा बन पायेगा संतोष के बुढ़ापे का सहारा बक्सर/चौसा : बुधवार को दोनों भाइयों के शवों को स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया. टीम द्वारा सभी शवों को निकाल लिया गया. इसके साथ ही खोजबीन बंद कर दी गयी. मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुदान राशि भी […]

सवाल. क्या मुआवजा बन पायेगा संतोष के बुढ़ापे का सहारा

बक्सर/चौसा : बुधवार को दोनों भाइयों के शवों को स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया. टीम द्वारा सभी शवों को निकाल लिया गया. इसके साथ ही खोजबीन बंद कर दी गयी. मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुदान राशि भी दे दी गयी. एक साथ सरेंजा गांव से जब चार अरथियां निकलीं, तो सबकी आंखें नम हो गयीं. लोगों का कहना था कि इस हादसे के लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार है. प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गयी थी.
सुरक्षा के नाम पर सिर्फ एक चौकीदार को वहां रखा गया था. अब सवाल यह उठता है कि पहले भी आसपास के गंगा क्षेत्र के इलाकों में इस तरह के हादसे होते रहे हैं. फिर भी प्रशासन ने इसे खतरनाक जोन क्यों नहीं घोषित किया. ग्रामीणों की मानें तो चौसा गंगा पंप के निर्माण को लेकर वहां 40 फुट गड्ढा काटा गया था. क्या विभाग द्वारा इसकी सूचना प्रशासन को दी गयी थी? महादेवा गंगा घाट पर प्रतिमा विसर्जन करने के दौरान सरेंजा गांव के चार युवकों की डूबने से मौत हो जाने के दूसरे दिन भी सरेंजा गांव का माहौल गमगीन रहा.
गौरतलब हो कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान सरेंजा गांव के रामबचन कसेरा का 40 वर्षीय पुत्र संतोष कसेरा, सोबरन कसेरा का 38 वर्षीय पुत्र संतोष वर्मा, संतोष ठठेरा के दो पुत्र परमेश्वर कुमार(15) व सूरज कुमार(17) की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी थी. चारों के शव बरामद कर लिये गये हैं. संतोष कसेरा व संतोष वर्मा के शव को स्थानीय मछुआरों ने घटना के चार घंटे बाद बुधवार की रात नदी से निकाला था. जबकि गुरुवार की सुबह मछुआरों ने सूरज कुमार का शव निकाला.वहीं चौसा आयी एसडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद दोपहर में परमेश्वर कुमार का शव निकाला. सभी शवों को बक्सर अनुमंडलीय अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, जहां पर पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने सभी शव परिजनों को सौंप दिये.
कमेटी का गठन कर दोषियों पर हो कार्रवाई : घटना को लेकर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व संगठन सचिव टीएन चौबे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के साथ-साथ जल संसाधन विभाग भी उतना ही दोषी है. उन्होंने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी हों उन पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए.
घाट पर लगी रही भीड़ : घटना के अगले दिन प्रशासन और स्थानीय मछुआरों के द्वारा शेष दो शवों को पानी से निकालने का प्रयास किया, जिसे देखने के लिए सरेंजा गांव के अलावा आसपास के लोगों की भीड जुटी रही. मृतकों के परजिन व रिश्तेदारों के क्रंदन से माहौल गमगीन रहा.
सभी मृतकों के आश्रितों को दिया गया चार-चार लाख का चेक : चारों शव बरामद होने के बाद मृतकों के परिजनों को आपदा प्रबंधन के तहत चार लाख राशि का चेक दिया गया.सीओ जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि घटना में मारे गये संतोष कसेरा की पत्नी कल्याणी देवी व संतोष वर्मा की पत्नी सोनी देवी को चार-चार लाख की राशि के चेक गुरुवार की सुबह सरेंजा स्थित उनके घर पर दिये गये.वहीं सूरज कुमार व परमेश्वर कुमार के पिता संतोष ठठेरा को गुरुवार को घटनास्थल पर ही चार-चार लाख की राशि का चेक दिया गया.
इस दौरान बक्सर एडीएम एमानुलहक,एसडीएम गौतम कुमार,बीडीओ अरिबंद कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार यादव, बृजिबहारी सिंह, मनीष कुमार आदि उपस्थित थे.
सदर विधायक ने परिजनों को बंधाया ढाढ़स : सरेंजा गांव के चार लोगों की मौत की सूचना पाकर सदर विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतकों के परजिनों से मिल ढाढ़स बंधाया. इस दौरान कमेश्वरनाथ पांडेय, राजारमण पांडेय समेत दर्जनों लोग थे.
दोषी कौन? जिला प्रशासन या कोई और
मृतक के परजिन को चेक देते एसडीओ व शव खोजते गोताखोर (इनसेट).

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