बक्सर : आस्था की नगरी बक्सर कौमी एकता का मिसाल साबित करता है. एक मास तक चलनेवाला पवित्र सावन मास में पूरा नगर केसरियामय हो गया है. दुकानें पूरी तरह से केसरिया साड़ी, पैंट, टी-शर्ट एवं कुरता से सज गया है. वातावरण भक्तिमय हो गया है. रामरेखा घाट पर केसरिया ड्रेस की सजी दर्जन भर दुकानें मुसलिमों की हैं, जो हिंदू के इस पवित्र मास में केसरिया ड्रेस बेच कर मेले में सहभागिता के साथ कौमी एकता को दर्शाते हैं.
क्या कहते हैं दुकानदार : मुसलिम दुकानदार जलालुद्दीन अंसारी ने कहा कि विगत 10 सालों से रामरेखा घाट पर केसरिया ड्रेस की बिक्री कर रहा हूं. हिंदू के पवित्र आस्था का महीना है सावन है. रामरेखा घाट ही लोग गंगा जल लेने आते हैं. व्यवसाय के साथ ही इस उत्सव में सहभागिता निभाकर आत्म संतुष्टि प्राप्त होती है. रामरेखा घाट पर जमाल अंसारी, फिरोज अंसारी, खुर्शीद आलम, कलाम अंसारी समेत दर्जन भर मुसलिम व्यवसायी श्रवण माह में केवल श्रवणी केसरिया ड्रेस ही बेचते हैं.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात : बक्सर/ब्रह्मपुर. मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध ब्रह्मपुर के बाबा बरमेश्वर नाथ को सावन महीने में श्रद्धालु बक्सर के रामरेखा घाट से गंगा जल लेकर एनएच 84 से पैदल चलते हुए ब्रह्मपुर पहुंचते हैं. श्रद्धालु 40 किलोमीटर की दूरी तय कर बाबा बरमेश्वर नाथ पर गंगा जल अर्पित करते हैं. बक्सर से लेकर ब्रह्मपुर तक कांवरियों की सेवा के लिए जगह-जगह शिविर लगाया गया है.
वहीं, रामरेखा घाट पर अनहोनी को लेकर एसीप पुलिस बल को तैनात कर दिया है. ब्रह्मपुर प्रतिनिधि के अनुसार बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर में पूरे श्रवण मास में जुटनेवाली भीड़ को देखते हुए मंदिर में 30 पुलिस एवं पांच महिला पुलिस की नियुक्ति की है.