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लालू-नीतीश एक ही सिक्के के दो पहलू : मांझी

डुमरिया : जब तक मेरे शरीर में खून का एक-एक कतरा रहेगा, मैं गरीबों की हक व अधिकार के लिए लड़ता रहूंगा. जिस तरह रामायण में लंका पर चढ़ाई करने के दौरान जामवंत जी बार-बार हनुमान जी को उनकी अद्भुत शक्तियों का एहसास कराते थे, उसी तरह आज मुङो भी अपनी शक्ति व पहुंच का […]

डुमरिया : जब तक मेरे शरीर में खून का एक-एक कतरा रहेगा, मैं गरीबों की हक व अधिकार के लिए लड़ता रहूंगा. जिस तरह रामायण में लंका पर चढ़ाई करने के दौरान जामवंत जी बार-बार हनुमान जी को उनकी अद्भुत शक्तियों का एहसास कराते थे, उसी तरह आज मुङो भी अपनी शक्ति व पहुंच का एहसास हो चुका है. ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी अवाम मोरचा (सेकुलर) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहीं.

वह इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के डुमरिया प्रखंड के मैगरा उच्च विद्यालय में गरीब स्वाभिमान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. पूर्व सीएम ने कहा कि कल तक हर सभा में नीतीश कुमार व लालू प्रसाद जी एक-दूसरे की आलोचना किया करते थे, लेकिन आज वे दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू निकले.

उन्होंने कहा कि आज नीतीश कुमार जिन योजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं, वे सब उनके मुख्यमंत्री रहते ही लागू किया गया था. वे (नीतीश) बताएं कि मैंने अपनी ओर से कौन-सी योजना पास की थी?

श्री मांझी ने कहा कि बिहार में महादलितों की जनसंख्या 22 प्रतिशत है, फिर भी उन्हें समुचित अधिकारी नहीं दिये गये हैं. दलितों को पूर्व से ही शोषण किया गया है. जनता को ललकारते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि एक गरीब, महादलित व मुसहर के बेटे का अपमान हुआ है.

इसका बदला जनता आगामी विधानसभा चुनाव में लेगी. उन्होंने कहा कि मैं वो नहीं किया, जो नीतीश ने कहा. बल्कि, मैं वो किया जो नीतीश कुमार नहीं किया. नीतीश कुमार ने महादलितों को तीन डिसमिल जमीन व 20 हजार रुपये देने के लिए कहा था, लेकिन मैंने उसे बढ़ा कर पांच डिसमिल व बाजार मूल्य पर आधारित राशि को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया, तो नीतीश कुमार जी के पेट में दर्द होने लगा.

पांच एकड़ जमीन वाले किसानों का बिजली बिल माफ करने, बेरोजगारों को 1000 रुपये आर्थिक सहायता देने समेत जनहित में 34 निर्णय लिये थे. सीएम बनते ही नीतीश ने उनके सभी निर्णयों को रद्द कर दिया और अब उन्हें एक-एक कर लागू किया जा रहा है. अब तक नौ घोषणाओं को लागू किया गया है. नियोजित शिक्षकों के अलावा सेविका व सहायिकाओं को वेतनमान देने समेत फैसले लिये थे.

श्री मांझी ने अभी वे (जदयू के नेता) हर घर दस्तक देते चल रहे हैं. बगहा में 17 आदिवासियों की हत्या हुई. छपरा में जहरीला एमडीएम खाने से 26 बच्चों की मौत हुई, लेकिन वे लोग वहां क्यों नहीं जा रहे हैं? उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित लोगों से कहा कि उनकी पार्टी का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन (पंजीयन) हो चुका है. आप लोग एनडीए को वोट दे, ताकि बिहार में हमारी सरकार बन सके. सभी लोगों को उचित सम्मान दिया जायेगा.

नीतीश आज भाजपा को सांप्रदायिक पाटी कहते हैं, लेकिन जब करीब सात वर्षो तक साथ-साथ में काम किया तो क्या उस समय भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं थी.

इस मौके पर उपस्थित पूर्व विधान पार्षद अनुज कुमार द्वारा इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का आग्रह करने पर श्री मांझी ने कहा कि अभी समय है.

यदि इमामगंज विधानसभा क्षेत्र की की जनता यही मांग रही, तो इसे पूरा करने की कोशिश होगी. कार्यक्रम में पूर्व मंत्री विनय बिहारी, पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष मसरूर आलम, इमामगंज से पूर्व प्रत्याशी रोशन मांझी, पूर्व डीएम पंचम लाल, हम के जिलाध्यक्ष सिबगतुल्लाह उर्फ टुटू खान सहित हम, भाजपा व लोजपा के नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद थे. सभा का संचालन शफकत अली खान ने किया.

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