बक्सर. 16 अगस्त से बक्सर जिला में चल रहा राजस्व महा अभियान शुरुआती दौर में ही अधर में लटक गया है. राजस्व महा अभियान में लगाए गए कुल 381 कर्मी हड़ताल पर चले गये हैं. हड़ताल पर गए कर्मियों में 245 विशेष सर्वे संविदा कर्मी शामिल हैं जो 16 अगस्त से हड़ताल हैं. जबकि 136 स्वच्छता पर्यवेक्षक 20 अगस्त से हड़ताल पर चले गये. हालांकि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार और प्रशासनिक अधिकारी लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन कर्मचारियों की नाराजगी और उनकी हड़ताल ने इस महा अभियान को सफल होने पर सवाल खड़ा कर दिया है. महाभियान के पहले ही दिन ही विशेष सर्वे संविदाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. जिनके जिम्मे सर्वेक्षण और सत्यापन से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य थे. वे काम अचानक लड़खड़ा गया. हालांकि विभाग ने तत्काल विकल्प के तौर पर कार्यपालक सहायकों को उनकी जगह लगाया ताकि कामकाज बाधित न हो. लेकिन यह भी स्थायी समाधान साबित नहीं हुआ. दरअसल, कार्यपालक सहायकों ने भी सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि वे दस दिन तक ही इंतजार करेंगे. इस अवधि में अगर सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं करती है, तो वे भी मजबूरन हड़ताल पर चले जायेंगे. कार्यपालक सहायकों का कहना है कि बिना उनकी समस्याओं का समाधान किया़ राजस्व महाअभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता. इधर, स्वच्छता पर्यवेक्षकों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. बुधवार को सदर प्रखंड के उमरपुर पंचायत के स्वच्छता पर्यवेक्षक रणजीत राय समेत कई कर्मियों ने पटना के गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना दिया. रणजीत राय ने कहा कि हम सभी अपनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार अगर हमारी मांगों को मान लेती है तो ठीक, अन्यथा आने वाले दिनों में हम लोग भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे. लगातार कर्मचारियों के आंदोलनों और हड़ताल की स्थिति ने विभाग की चिंता बढ़ा दी है. राजस्व महाभियान का मकसद जिले के हर पंचायत तक पहुंचकर राजस्व से जुड़े मामलों का त्वरित और पारदर्शी समाधान करना है. इसमें भूमि विवादों का निपटारा, जमाबंदी सुधार, दाखिल-खारिज मामलों का निष्पादन और अन्य राजस्व संबंधी कार्य शामिल हैं, लेकिन जिस तरह से अभियान से जुड़े अलग-अलग वर्ग के कर्मचारी बारी-बारी से हड़ताल पर जा रहे हैं, उससे अभियान की सफलता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. आम जनता, जिनके लिए यह अभियान शुरू किया गया था, वे भी असमंजस में हैं. लोगों को उम्मीद थी कि राजस्व महाअभियान से उनके वर्षों पुराने मामलों का समाधान होगा, लेकिन कर्मचारियों के आंदोलन के कारण न तो उनका काम हो पा रहा है और न ही उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी मिल रही है कि आगे क्या होगा. इस संबंध में एडीएम अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हर परिस्थिति में इस अभियान को सफल बनाया जायेगा. इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है.
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