राजपुर . प्रखंड के राजपुर गांव में स्वास्थ्य कर्मियों ने फाइलेरिया संबंधित रोग की जांच किया. मंगलवार की सुबह 19 वर्षीय युवक निशांत पांडेय की आत्महत्या की खबर से स्वास्थ्य विभाग ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया है. जिस मामले में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर शैलेंद्र कुमार के तरफ ने पत्र जारी कर राजपुर के स्वास्थ्य विभाग को आगाह किया था कि न्यूज़ में प्रकाशित खबरों की सत्यता की जांच करने हेतु इसकी टीम स्वयं मृतक के घर पहुंच कर उसके परिजन और आसपास के लोगों के जांच करेंगे. इसके निर्देश के आलोक में पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों ने अशोक पांडेय के घर पहुंच कर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी प्राप्त किया.जिसमें उनके द्वारा मृतक के शुरुआती दौर से चल रहे इलाज से संबंधित आवश्यक कागजात उपलब्ध कराया गया. जिसमें बीएचयू वाराणसी के अलावा कई बड़े अस्पतालों का जांच था. जिसका गहन अध्ययन करने के बाद पता चला कि इसे फाइलेरिया की बीमारी नहीं थी. साथ ही वरीय पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में 200 घरों में आशा कर्मियों के माध्यम से एसीडी कार्यक्रम कराया गया. जिसमें फाइलेरिया का कोई एक्टिव केश नहीं पाया गया.इसे कोई अन्य बीमारी थी.जिसका इलाज तो चल रहा था. लेकिन उसमें कोई सुधार नहीं हो रहा था. इस मामले में चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि डॉक्टर के रिपोर्ट के मुताबिक उनके दाहिने पैर में जन्मजात अत्यधिक मांसपेशियों का बढ़ जाना,सूजन हो जाना साथ ही संक्रमित हो जाना ,फाइलेरिया का कोई लक्षण नहीं मिलना पाया गया. जिसकी वजह से वह पैर मोटा हो गया था. उन्हें फाइलेरिया की बीमारी नहीं थी. इस बीमारी से बचाव के लिए मेडिकल टीम के तरफ से समय-समय पर लोगों को इसकी दवा खिलाई जा रही है. साथ ही पंचायत स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से भी लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इस मौके पर बीसीएम सत्येंद्र सिंह यादव, स्वास्थ्य कर्मी गुड्डू पाठक, पूर्व मुखिया सत्येंद्र नारायण सिंह,कृष्ण बिहारी पांडेय,मुन्ना पांडेय, एएनएम एवं आशा कर्मी मौजूद रहे.
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