बक्सर : जिले को औद्योगिक रूप से मजबूत बनाने के लिए 1978 में बक्सर औद्योगिक क्षेत्र की आधारशिला रखी गयी थी लेकिन दुर्भाग्य से आज तक बक्सर औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां सुचारु ढंग से शुरू नहीं हो सकीं. ज्यादातर बंद व रुग्ण औद्योगिक इकाइयाें की जमीन को सीमेंट और अनाज रखने के लिए गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. विभाग की मानें तो 124 औद्योगिक इकाइयों में महज 46 इकाइयां ही कार्यशील हैं. उनमें भी ज्यादातर राइस मिल एवं अन्य छोटी इकाइयां जो समयानुसार संचालित होती हैं.
औद्योगिक क्षेत्र का यह बुरा हाल विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों एवं बंद पड़े औद्योगिक इकाइयों के संचालकों की मिलीभगत से हुआ है. इनके वजह से औद्योगिक क्षेत्र अपना मूल अस्तित्व खोकर गोदाम क्षेत्र का रूप लेने लगा है. आधा दर्जन सीमेंट कंपनियों के गोदाम औद्योगिक क्षेत्र में ही संचालित होते हैं. इस मामले को लेकर स्थानीय विभागीय अधिकारी केवल विभाग को पत्राचार मात्र कर अपना कर्तव्य समाप्त मान लेते हैं. वहीं विभाग से इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके कारण औद्योगिक इकाइयां गोदाम के रूप में लगातार बदल रही हैं. औद्योगिक एरिया 50 एकड़ में फैला हुआ है.
इन सीमेंट कंपनियों के हैं गोदाम : औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी उपेक्षा के कारण 124 उद्योगों में ज्यादातर बंद हो चुकी हैं. वहीं जो 46 औद्योगिक इकाइयां रुग्ण व समयानुसार संचालित हो रही हैं वे भी दम तोड़ने के कगार पर हैं. औद्योगिक इकाई के भवन गोदाम के रूप लेने लगे हैं. क्षेत्र में आधा दर्जन सीमेंट कंपनियों के गोदाम और दर्जनों अनाज एवं अन्य सामान रखने के गोदाम खुल गये हैं. सीमेंट कंपनियों में बिरला सीमेंट, बिरला गोल्ड, बिरला सम्राट, प्रिज्म, माइसेम सीमेंट कंपनी की गोदाम शामिल हैं.