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Buxar News: जिले में अभी तक मात्र 10 फीसद हुई है धान की रोपनी

जिले में 96796.8 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय की है. लेकिन अभी तक महज 10 प्रतिशत ही धान की रोपनी जिले में किया गया.

बक्सर

. जिले में 96796.8 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय की है. लेकिन अभी तक महज 10 प्रतिशत ही धान की रोपनी जिले में किया गया. 10 प्रतिशत रोपनी होने के बाद भी अभी से जिले में डीएपी को लेकर समस्या किसानों को झेलना पड़ रहा है. यही नहीं बाजार समिति स्थित बिस्कोमान में लगभग पांच दिन से डीएपी खत्म है. जिले में इस वर्ष मानसून की सुस्ती और डीएपी की भारी किल्लत के कारण धान की रोपनी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है.अब तक जिले में मात्र 10 प्रतिशत धान की रोपनी हुआ है. जबकि जुलाई के दूसरे सप्ताह तक आमतौर पर 40-50 प्रतिशत तक रोपनी हो जाया करता था.स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसान पिछले पांच दिनों से डाई की उपलब्धता के लिए खाद गोदामों और खुदरा विक्रेताओं के चक्कर काट रहे हैं. सोनवर्षा के कमलेश महाजन ने बताया कि पांच दिनों से खाद के लिए दुकानों का चक्कर काट रहा हूं.न कालाबाजारी में खरीद पा रहा हूं, न ही सहकारी समिति में उपलब्ध है.

खुदरा विक्रेताओं की मनमानीप्रशासन की तरफ से डीएपी की उपलब्धता को लेकर बार-बार दावा किया जा रहा है कि जिले में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. कृषि विभाग के अनुसार जिले के अधिकृत खुदरा विक्रेताओं के पास वर्तमान में कुल 3010 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है, जो किसानों की मौजूदा आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त है.बावजूद इसके, बाजार में नहीं मिल पा रहा है. निर्धारित दर से कहीं अधिक दाम पर बेचा जा रहा है.कई जगहों पर 1350 रुपये एमआरपी वाली डाई 1600 से 1700 रुपये तक में बेची जा रही है.

बिस्कोमान से नहीं मिली राहतडीएपी की उपलब्धता के लिए सहकारी संस्था बिस्काेमान से भी कोई ठोस राहत नहींं मिली है.किसानों को उम्मीद थी कि सहकारी समितियों के माध्यम से डाई सस्ती दरों पर मिलेगी, लेकिन वहां भी सप्लाई बाधित है.कई पैक्सों में पिछले सप्ताह से ही स्टॉक खत्म हो चुका है और नया स्टॉक आने का कोई समय तय नहीं है.जिले में डाई की मौजूदगी के बावजूद किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.खुदरा विक्रेताओं की मनमानी और प्रशासनिक उदासीनता से हालात बिगड़ते जा रहे हैं.जरूरत है कि प्रशासन सक्रिय हस्तक्षेप करे, खुदरा दुकानों की जांच हो, और डाई को निर्धारित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जाए, ताकि धान की खेती को समय पर गति मिल सके और अन्नदाता को राहत.

बोले अधिकारीजिले में वर्तमान में 3010 एमटी डीएपी उपलब्ध है. किसानों को निर्धारित दर पर खाद उपलब्ध हो इसको लेकर विभाग के अधिकारी समेत कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार को निर्देश दिया गया है कि अपने – अपने क्षेत्र के सभी दुकानों का निरंतर जांच करते रहें ताकि किसानों को खाद की कोई समस्या न हो. अगर कही से निर्धारित रेट से अगर अधिक मूल्य पर खाद बेचने कि शिकायत आती है उन दुकानदार पर विभागीय करवाई किया जाएगा.

जिला कृषि पदाधिकारीधर्मेंद्र कुमार

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