बिहारशरीफ. हरनौत प्रखंड के दैली गांव में चिकन पॉक्स के दो मामलों की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. बुधवार को सूचना मिलते ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की टीम मौके पर पहुंची और मरीजों की जांच व इलाज शुरू कर दिया गया. पीएचसी के प्रभारी डॉ. राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि गांव में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम जांच के लिए भेजी गई थी, जिसमें डॉ. डीएन गुप्ता, डॉ. विजय कुमार और फार्मासिस्ट ललित कुमार शामिल थे. डॉ. गुप्ता ने बताया कि गांव में एक 9 वर्षीय बच्चा और एक 40 वर्षीय महिला पिछले पांच दिनों से चिकन पॉक्स से संक्रमित पाए गए हैं. दोनों का इलाज चल रहा है और बच्चे की हालत में सुधार देखा गया है. टीम ने मरीजों के परिजनों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. बताया गया कि चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकती है, खासकर बच्चों के बीच. ऐसे में मरीजों के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने, बच्चों को स्कूल न भेजने और उन्हें मरीजों के संपर्क में न आने देने की हिदायत दी गई है. डॉक्टरों ने लोगों को आश्वस्त किया कि चिकन पॉक्स का इलाज पूरी तरह सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है. समय पर इलाज से रोग को नियंत्रण में लाया जा सकता है. टीम ने गांव के अन्य लोगों से भी बातचीत की और उन्हें चिकन पॉक्स के लक्षणों जैसे, बुखार, शरीर पर दाने, खुजली आदि के बारे में बताया. साथ ही, किसी भी लक्षण के दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने की अपील की. स्वास्थ्य विभाग की इस त्वरित कार्रवाई और सतर्कता से गांव में लोगों में जागरूकता बढ़ी है और संक्रमण पर नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है.
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