शेखोपुरसराय. अपने स्वाद के लिये मशहुर खरबुजा जो जिले में लालमी के रूप में प्रसिद्ध है. इसकी कीमत इस बार काफी तेज देखने को मिल रही है.इस सम्बन्ध में किसान उत्पादकों ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण इस बार लालमी के फसलों को क्षति पहुंची है. जिसके कारण इसकी उपज कम है, जिसके चलते इसका बाजार भाव 30 रुपया प्रति किलो तक पहुंच गया है. शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र के नीमी गांव के किसानों द्वारा उपजाई जाने वाली मशहूर फसल लालमी इस बार बाजार में उपलब्ध हो गई है.अपने खास स्वाद और गुणों के कारण यह फसल न केवल शेखपुरा जिले में बल्कि आसपास के जिलों में भी लोकप्रिय है. नीमी गांव के किसान चुनचुन सिंह, अलमेंद्र सिंह और दिनेश सिंह ने बताया कि इस बार की प्राकृतिक आपदा ने गेहूं और चना जैसी रबी फसलों को तो नुकसान पहुंचाया ही, साथ ही परवल और लालमी जैसी नगदी फसलें भी पूरी तरह से बर्बाद हो गईं.उन्होंने बताया कि लालमी के बीजों की मांग बाजार में अधिक रहती है, और मिठाई दुकानदार व हलवाई गांव-गांव घूमकर इन बीजों की खरीद करते हैं. इन बीजों से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है, क्योंकि यह 800 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकते हैं. लालमी का फल जहां 30 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं इसके बीजों की कीमत कहीं अधिक है, जिससे किसानों को कुछ राहत मिलती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

