राजगीर. शहर के पचरुखिया कुआं मोहल्ले में सीआरपीएफ जवान अमरजीत कुमार उर्फ अमित कुमार (30 वर्ष) की संदिग्ध स्थिति में फांसी से लटकी हुई लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी है. अमरजीत मूल रूप से नालंदा जिले के बेन थाना क्षेत्र के मैजरा गांव के रहने वाले थे. लेकिन वर्तमान में राजगीर में मकान बनकर परिवार सहित रह रहे थे. वह सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र, राजगीर में पदस्थापित थे. इन दिनों छुट्टी पर घर आये हुए थे. इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ भेज दिया है. पोस्टमार्टम बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. राजगीर थानाध्यक्ष रमण कुमार ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि अब तक मृतक के परिवार द्वारा कोई लिखित शिकायत नहीं दी गयी है. हालांकि पुलिस आत्महत्या और हत्या दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है. मृतक के भाई आदित्य कुमार और पड़ोसी रंजय कुमार के अनुसार, अमरजीत अपने चचेरे साले की शादी के लिए छुट्टी लेकर घर आये थे. शादी सम्पन्न होने के बाद वह शुक्रवार को राजगीर लौटे थे. जमीन से जुड़े कुछ कार्यों को उनके द्वारा निबटारा किया गया था. शनिवार को उनकी जमीन की रजिस्ट्री भी तय थी. लेकिन जमीन रजिस्ट्री कराने से पहले खुद चले गये. पुलिस और परिवार के अनुसार शनिवार की सुबह जब जवान कमरे से बाहर नहीं निकले, तो परिजनों ने कॉल किया. कॉल का जवाब न मिलने पर वेंटिंलेटर से देखने पर पाया गया कि अमरजीत फांसी पर लटका हुआ है. दरवाजा तोड़कर जब उन्हें निकाला गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. परिजनों के अनुसार मृतक जवान अमरजीत की शादी 10 जुलाई 2024 को नारदीगंज थाना क्षेत्र के धनियावां निवासी सहायक अवर निरीक्षक नवल किशोर प्रसाद की पुत्री निधि कुमारी के साथ हिन्दू रस्म रिवाज के साथ हुआ था. मृतक के चचेरे ससुर सहायक अवर निरीक्षक दिनेश कुमार दिनकर ने बताया कि शादी में तिलक के रूप में 18 लाख रुपए नकद एवं एक दो पहिया गाड़ी भी दिया गया था. मृतक के ससुर और चचेरा ससुर ने मृतक की शव को देखकर बताया कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है. उनके अनुसार फांसी के कोई स्पष्ट निशान नहीं हैं. परिस्थितियां संदेहास्पद हैं. उन्होंने परिवार के सदस्यों पर ही हत्या का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराने की बात कही है. इधर पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. ससुराल पक्ष की ओर से दिये गये बयानों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है. अब देखना यह है कि पुलिस की जांच किस निष्कर्ष पर पहुंचती है. यह आत्महत्या है या सोची-समझी हत्या.
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