बिहारशरीफ. बिहार थाना क्षेत्र स्थित सदर अस्पताल परिसर मंगलवार को उस समय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जब एक मरीज की मौत के बाद उसके आक्रोशित परिजनों ने जमकर तोड़फोड़ और हंगामा किया. परिजनों के उग्र रवैये को देखते हुए अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी. डॉक्टर खुद को कमरे में बंद कर अपनी जान बचायी. घटना के बाद चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी. सुरक्षा की मांग को लेकर डॉक्टरों ने तत्काल ओपीडी सेवा बंद कर दी है और फिलहाल मरीजों का इलाज पूरी तरह से ठप है. दीपनगर थाना के नेपुरा गांव के संजय सिंह नवरात्रि के अवसर पर सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की कठिन आराधना कर रहे थे. आराधना के आठवें दिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गयी. परिजन उन्हें तुरंत बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ लेकर आए, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. मरीज की मौत की खबर सुनते ही परिजन आक्रोशित हो उठे और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दी. उग्र परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात नर्स, गार्ड और डॉक्टरों पर भी हमला करते हुए मारपीट कर दिया. स्थिति इतनी भयावह हो गयी कि चिकित्सकों को खुद को कमरों में बंद करना पड़ा, जिससे उनकी जान बच सकी. चिकित्सकों का कहना है कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो शायद बदमाश उनकी जान भी ले सकते थे. घटना के बाद चिकित्सकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ विश्वजीत कुमार ने बताया कि अगर सदर अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं बढ़ायी गयी तो हम लोग काम नहीं करेंगे. डॉक्टरों ने अब हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है. घटना की जानकारी मिलते ही सदर डीएसपी नुरुल हक दलबल के घटनास्थल पर पहुंचे और घटना की जांच में जुट गये. डीएसपी ने आश्वासन दिया कि उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज और साक्ष्यों के आधार पर उपद्रवियों को चिह्नित कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अस्पताल के गार्ड ने बताया कि परिजनों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्हें संभालना मुश्किल हो गया था. इस हंगामे के चलते सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गयी है, जिससे अन्य मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है.
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