23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में दो करोड़ से अधिक पालतू पशुओं की सेहत पर पड़ रहा ठंड का असर, बड़ी संख्या में जानवर पड़ रहे बीमार

बिहार के पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डॉ सुनील वर्मा ने पशुपालकों को कोई लापरवाही न करने की सलाह दी है. वहीं , कृषि विभाग मौसम से हुई फसल क्षति का आकलन करा रहा है.

राज्य में कड़ाके की ठंड का असर दो करोड़ से अधिक पालतू पशुओं की सेहत और लाखों हेक्टेयर में फसलों की पैदावार पर पड़ने लगा है. राज्यभर से पशुओं के मरने की छिटपुट सूचनाएं आ रही हैं. विभाग- जिला प्रशासन ने कहीं भी सर्दी से पशुओं के मरने की पुष्टि नहीं की है. हालांकि, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुओं देखभाल को लेकर एडवाइजरी जारी जरूर कर दी है. सर्दी से पशुओं को पहुंचे नुकसान की जानकारी मांगी है.

कृषि विशेषज्ञ की सलाह लें

बिहार के पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डॉ सुनील वर्मा ने पशुपालकों को कोई लापरवाही न करने की सलाह दी है. वहीं , कृषि विभाग मौसम से हुई फसल क्षति का आकलन करा रहा है. कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि हर क्षेत्र में खेत की मिट्टी और रोग की परिस्थितियां भिन्न होती हैं. इसलिए बिना किसी कृषि विशेषज्ञ की सलाह के खेतों में दवाओं का छिड़काव न करें.

पशुओं के रखरखाव की समुचित व्यवस्था करें

पशुपालकों द्वारा पशुओं के रखरखाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने से पशु ज्यादा संख्या में बीमार हो रहे हैं. बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुक्कुट प्रक्षेत्र में दो दिनों में 350 से अधिक मुर्गे-मुर्गियों की मौत के बाद सरकार एलर्ट मोड में है. पशुपालन पदाधिकारियों को चिंता है कि गया जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो जाये. बीते साल गया में बारिश के बाद बढ़ी सर्दी से करीब 500 भेड़ों की मौत हो गयी थी. पशुपालक द्वारा सर्दी से बचाव का इंतजाम न किये गये थे. जानवरों में बुखार, कंपकंपी, पाचन शक्ति कमजोर होने की शिकायत देखने को मिल रही है.

पशुओं को खिलाएं गुड़ और सेंधा नमक, धूप में खूब बांधें

ठंड के मौसम में पशुओं के आहार में सेंधा नमक शामिल करें. केवल हरा चारा खिलाने से अफारा और अपचन भी हो सकता है. ऐसे में पशुओं की खोर (चारा डालने का स्थान) में सेंधा नमक का पत्थर डाल कर रखें. इसके अलावा पशुओं को चारे के साथ गुड़ भी खिलाए़ं ठंड, ओस और कोहरे से बचाने के लिए पशुओं को छत या घास-फूस की छप्पर के नीचे रखना चाहिए. रात में खुले में नहीं बांधें. फर्श पर पुआल बिछाएं. खुले धूप में बांधें क्योंकि सूर्य की किरणों में जीवाणु और विषाणु को नष्ट होते होते हैं.

Also Read: Bihar Weather: आज दक्षिणी बिहार में बारिश के साथ ओला गिरने के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
सरसों, आलू और मटर की फसल में फफूंदी जनक रोग लगे

रात के तापमान में ज्यादा कमी, वातावरण में नमी, कोहरा और पाला पड़ने की स्थितियों में आलू, टमाटर, बैंगन, सरसों, चना, मसूर आदि में कई तरह के रोग लगने लगे है़ं झुलसा रोग के कारण पत्तियां, तना, फल और कंद तक संक्रमित होने लगे हैं. मौसम की अभी जो परिस्थिति है रोग और कीट बढ़ने के लिए अनुकूल है. लंबे समय तक धूप न होने से भी फसलों पर असर पड़ेगा. कृषि वैज्ञानिक की सलाह है कि खेतों में फंगस (फफूंद) विकसित हो सकते हैं. चना, सरसों व मटर की फसल पर इसका प्रकोप बढ़ सकता है. इस मौसम से फसल बचाने का सबसे अच्छा तरीका खेत में नमी का होना मानते है. किसान अपने खेतों में नमी रखें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें