खास बात
Bihar Tourism: वाल्मीकिनगर. वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व की सुंदर वादियां आज देश सहित विदेश के पर्यटकों को भी लुभाने लगा है. जिसका लुत्फ उठाने प्रत्येक दिन देश के कोने-कोने सहित विदेशों से भी पर्यटक आ रहे हैं. इसी क्रम सोमवार को अमेरिका और जर्मनी से विदेशी पर्यटक वीटीआर भ्रमण पर पहुंचे. पर्यटन पर पहुंचे अमेरिकी पर्यटक स्टेपन फ्रांसिस और जर्मनी के फ्रैंक वैनर हेज तथा सेली ब्लेंडर ने जंगल सफारी का लुत्फ उठाया. विदेशी पर्यटकों ने बताया कि भारत के बिहार राज्य स्थित वाल्मीकि टाइगर की ख्याति को सुन कर हमारी इच्छा हुई की हम यहां घूमने आए. यहां की सुंदर वादियां, प्राकृतिक छटा तथा जल, जंगल, पहाड़ के बारे में जान कर हमारी लालसा हुई कि यहां की हसीन वादियां का लुत्फ उठाएं. यही सोच कर हम लोग यहां आए है.
खूब भा रहा प्राकृतिक छटा और स्वच्छ हवा
जर्मनी के फ्रैंक वैनर हेज ने कहा कि वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व का स्वच्छ और सुंदर वातावरण, प्राकृतिक और कृत्रिम परिवेश का अनूठा संगम हमें खूब भाया. जितना हमने इसके बारे में सुना उससे कहीं ज्यादा पाया है. जंगल सफारी के दौरान समीप से वन्यजीवों का दीदार करना, हरा भरा जंगल, मंदिर, कल-कल करती बहती गंडक नदी को देख हम सभी काफी उत्साहित तथा रोमांचित हुए. यहां की व्यवस्था भी हमें काफी पसंद आया. इस बाबत रेंजर अमित कुमार ने बताया कि जो भी पर्यटक पर्यटन पर वीटीआर पहुंचे उनकी संतुष्टि ही हमारा प्रयास है. यहां पहुंच कर पर्यटक संतुष्ट हो वन प्रशासन की पहली प्राथमिकता है.
केसरिया बौद्ध स्तूप देखनेवाले कम हुए पर्यटक
पर्यटन विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार केसरिया नवम्बर-दिसंबर माह की शुरुआत होते ही विश्व प्रसिद्ध केसरिया बौद्ध स्तूप आमतौर पर देश-विदेश के पर्यटकों से गुलजार होने लगता है, लेकिन इस वर्ष अत्यधिक ठंड पड़ने के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. गुलाबी ठंड के मौसम में श्रीलंका, म्यांमार,थाईलैंड, मलेशियाई समेत कई अन्य देशों से बौद्ध श्रद्धालु और पर्यटक केसरिया बौद्ध स्तूप के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. दिसंबर में अबतक करीब दस हजार से अधिक पर्यटक आ चुके हैं.
विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की उम्मीद
महात्मा बुद्ध सेवा संस्थान के अध्यक्ष सीताराम यादव बताते है की इस समय विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलते हैं. हालांकि इस बार कड़ाके की ठंड के चलते पर्यटकों का आगमन अपेक्षा से कम हो गया है. स्थानीय दुकानदारों और गाइडों को उम्मीद है कि मौसम में सुधार होते ही एक बार फिर देश-विदेश के पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और केसरिया बौद्ध स्तूप अपनी पुरानी चहल-पहल में आ जाएगी.
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