Bihar News: पटना में आइजीआइएमएस अस्पताल में पूर्वी चंपारण की 34 वर्षीय अर्चना को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है. उसने बाजार से खरीदी गई केमिकल युक्त मेहंदी लगाई थी, जिसके कुछ ही घंटे बाद उसके सिर में खुजली और जलन होने लगी. धीरे-धीरे पूरे शरीर पर इंफेक्शन फैल गया और हाथ-पैर सहित चेहरे पर फफोले पड़ने लगे. परिवार उसे तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचा, डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं, लेकिन संक्रमण गहरा है. यह मामला उन सस्ते और इंस्टेंट डार्क मेहंदी प्रोडक्ट्स पर बड़ा सवाल खड़ा करता है जो सौंदर्य के नाम पर सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं.
जब सजावट बन गई आफत
पूर्वी चंपारण की अर्चना ने हाल ही में एक पारिवारिक कार्यक्रम के लिए बाजार से ब्लैक मेहंदी खरीदी और हाथ-पैरों में लगाई. मेहंदी लगाने के कुछ ही घंटों बाद उसे सिर में खुजली होने लगी. धीरे-धीरे जलन पूरे चेहरे और हाथों तक फैल गई. छाले उभरने लगे और हालत बिगड़ने पर परिवार उसे पटना के आइजीआइएमएस ले आया. मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है और अभी वह खतरे से बाहर हैं. संक्रमण को काबू में करने के लिए दवाइयों और निगरानी का दौर जारी है.
ज्यादा लाली और गहराई के लिए घातक केमिकल
बाजार में बिकने वाली अधिकांश इंस्टेंट या डार्क मेहंदी पूरी तरह हर्बल नहीं होती. प्राकृतिक मेहंदी का रंग नारंगी से भूरे में धीरे-धीरे 6 से 8 घंटे में चढ़ता है. लेकिन ग्राहकों को तुरंत गहरा रंग दिखाने के लिए कंपनियां पैराफिनिलैडायमाइन (PPD), डाई और अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं. यह वही पीपीडी है जिसे कई देशों में स्किन प्रोडक्ट्स में प्रतिबंधित किया जा चुका है. यह स्किन के लिए जहर की तरह काम करता है और एलर्जी से लेकर गंभीर जलन तक पैदा कर सकता है.
खुजली से फफोले तक, खतरनाक हैं लक्षण
केमिकल मिली मेहंदी लगाने के कुछ ही घंटों बाद स्किन पर असर दिखने लगता है. सबसे पहले खुजली और हल्की जलन होती है. इसके बाद छोटे दाने और लाल धब्बे उभरने लगते हैं. पीपीडी जैसे तत्व फफोले तक बना सकते हैं जो कई बार लंबे समय तक निशान छोड़ जाते हैं. कई मामलों में स्किन जल जाती है और स्किन टोन पर स्थायी दाग पड़ जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे मामलों में समय रहते मेडिकल ट्रीटमेंट न मिले तो संक्रमण खून में फैलने का खतरा भी रहता है.
कैसे करें सुरक्षित मेहंदी का चुनाव
विशेषज्ञों की राय में सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि केवल प्राकृतिक मेहंदी पाउडर का ही इस्तेमाल किया जाए. ऐसी मेहंदी जिसमें कोई डाई या केमिकल न हो. पैकेजिंग पर सामग्री की जांच करना बेहद जरूरी है. ब्लैक मेहंदी या बहुत जल्दी गहरा रंग देने वाले प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए. चाहें तो लोग घर पर खुद भी मेहंदी की पत्तियां सुखाकर और पीसकर शुद्ध पाउडर बना सकते हैं. इससे रंग थोड़ा हल्का भले हो, लेकिन स्किन पर कोई नुकसान नहीं होता.
डॉक्टरों की सलाह: सजने से पहले सावधानी जरूरी
त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी नया प्रोडक्ट लगाने से पहले पैच टेस्ट करना चाहिए. हाथ के एक छोटे हिस्से पर लगाकर कुछ घंटे इंतजार करें. अगर खुजली या जलन हो तो तुरंत उसे धो दें. मेहंदी खरीदते वक्त विश्वसनीय ब्रांड पर ही भरोसा करें और ‘इंस्टेंट कलर’ जैसे दावों से सावधान रहें. खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और सेंसिटिव स्किन वाले लोगों के लिए केमिकल मेहंदी बेहद जोखिम भरी हो.

