Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को एक जनसभा के दौरान कहा कि बिहार अब परिवर्तन चाहता है. उन्होंने बीजेपी और एनडीए पर आरोप लगाया कि बिहार को जानबूझकर पिछड़ा रखा गया, जबकि उद्योग और निवेश गुजरात में लगाए गए. तेजस्वी ने कहा कि जो लोग बिहार को ठगते आए हैं, जनता अब उन्हें सबक सिखाने को तैयार है.
“गुजरात का विकास, बिहार की बदहाली”
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को गरीब बनाए रखने की साजिश वर्षों से की जा रही है. उन्होंने कहा, “एक भी कारखाना बिहार में नहीं खुला, लेकिन हर उद्योग गुजरात में लगाया गया. गुजरात में इन्वेस्टमेंट मीट होती है, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनते हैं, लेकिन बिहार को सिर्फ बदनाम किया जाता है.”
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बिहार में आकर भाषण देंगे, लेकिन वादों को पूरा नहीं करेंगे. “गुजरात का विकास किया जा रहा है और वोट बिहार से मांगा जा रहा है. ये बिहार को ठगने का काम है,” उन्होंने कहा.
“बिहार को ठगने वालों को हटाना है”
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता अब यह समझ चुकी है कि किसने राज्य को रोका और किसने आगे बढ़ाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने बिहार को गरीब बना कर रखा, अब उन्हें हटाने का वक्त है. भ्रष्टाचार सरकार के दिन गिने जा चुके हैं.”
उन्होंने कहा कि बिहार को अब नफरत की राजनीति से ऊपर उठकर रोजगार और विकास चाहिए.
“अति पिछड़ों से नफरत करने लगे हैं वे लोग”
मुकेश साहनी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इससे विपक्ष बेचैन है. उन्होंने कहा, “मुकेश साहनी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कुछ लोग अति पिछड़ा विरोधी चेहरा बन गए हैं. वे अति पिछड़ों को ट्रोल कर रहे हैं और नफरत दिखा रहे हैं.”
तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी सामाजिक न्याय की लड़ाई को नए रूप में आगे बढ़ा रही है और अति पिछड़े तबके को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
“तानाशाही की हद पार हो चुकी है”
खगड़िया में सभा रद्द किए जाने पर तेजस्वी यादव ने प्रशासन और सरकार पर हमला करते हुए कहा, “यह तानाशाही है. जनता की आवाज से डरकर सभाएं रोकी जा रही हैं, लेकिन यह डर आने वाले बदलाव की निशानी है.”
तेजस्वी ने दावा किया कि आने वाले समय में जनता सबका हिसाब बराबर करेगी और बिहार में एक नई राजनीति की शुरुआत होगी.
तेजस्वी यादव के इस बयान से साफ है कि बिहार की सियासत इस बार “विकास बनाम भेदभाव” के मुद्दे पर गरमाने वाली है. उन्होंने साफ कहा — “अब बिहार बदलेगा, और इस बार बिहार खुद अपना रास्ता चुनेगा.”

