Bihar Bhumi: बिहार में भूमि सर्वेक्षण को लेकर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, विभाग लगातार लोगों की परेशानी दूर करने के प्रयास में है. इसी क्रम में रैयतों की ओर से शिकायत मिलती है कि जमीन के म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन तो दिए जाते हैं, लेकिन सीओ के यहां से छोटी-मोटी या अंकों में हेरफेर को लेकर उसे निरस्त कर दिया जाता है. इसके बाद मजबूरन जमीन रैयत अपील में डीएसएलआर के यहां जाते हैं और यहां भी लंबा समय लगता है. लेकिन, अब जमीन रैयतों के लिए गुड न्यूज है. अब उनकी समस्या दूर होने वाली है. विभाग से इसको लेकर फरमान जारी हो गया है.
बता दें, राजस्व भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए सभी जिलों के डीएम को लेटर के माध्यम से बताया है कि दाखिल खारिज में कई ऐसी भूल हो जाती है. इसके लिए सभी अंचलाधिकारी को अपने स्तर से निर्देश देकर यह बताएं कि इसके लिए अंचल अधिकारी ही सक्षम है और वह कई मामलों को अपने स्तर पर निरस्त न करके, उसका दाखिल खारिज कर सकता है.
अंचलाधिकारी सुधार कर करेंगे सूचित
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने पत्र के जरिए कहा कि दाखिल-खारिज संबंधी आदेश पारित करने के दौरान की गई लिपिकीय या गणित संबंधी भूल या किसी आकस्मिक भूल अंचल अधिकारियों द्वारा खुद से या किसी पक्षकार के आवेदन पर सही की जा सकेंगी. अंचल अधिकारी इस सुधार से सभी पक्षों को सूचित करेंगे. आवेदन में गलती होने के कारण उसे लौटाया नहीं जाएगा.
डीएम को अंचल अधिकारी के अधिकार के बारे में बताया
विभाग के सचिव ने अपने लेटर में सभी डीएम को अंचल अधिकारियों के अधिकार के बारे में बताया. सचिव ने लिखा कि अंचल अधिकारियों को लिपिकीय या टाइपिंग से संबंधित भूल के कारण जमीन खरीदने और बेचने वाले की डिटेल्स, जमाबंदी/खतियानी रैयत के नाम-पता में हुई त्रुटि/लोप एवं लगान की राशि से संबंधी त्रुटि में संशोधन का अधिकार दिया गया है. इसके लिए अंचल अधिकारी ई-जमाबंदी लॉगिन में जाकर ई-रिसॉल्वर मेनू से सेल्फ इम्पोज्ड आदेश पारित करेंगे.
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