Bihar Flood: बिहार में गंगा, कोसी, सोन, पुनपुन, फल्गु, दरधा समेत कई छोटी-बड़ी नदियां उफनाई हुई है. गंगा की बात करें तो, कई जिलों में यह अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इस बीच आरा जिले में गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर ने लोगों नींद उड़ा दी है. दरअसल, जिले के जवइनिया गांव के पास भारी कटाव और गंगा नदी का रौद्र रूप ग्रामीणों पर भारी पड़ने लगा है. अब लोगों के बीच चर्चा है कि, कहीं गांव इतिहास न बन जाये. गंगा नदी की तेज लहरें, पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों के घरों में पानी घुसता जा रहा है. दिन-रात लोगों के बीच भय समाया हुआ है. जैसे ही तेज आवाज होती है, लोगों की रूह कांप उठती है.
अपने-अपने घरों को खाली कर रहे लोग
जानकारी के मुताबिक, गंगा के जल में लगातार वृद्धि से जवइनिया गांव के पास कटाव से प्रभावित करीब सौ परिवार घरों को खाली कर अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं. जबकि करीब 24 परिवारों का घर कटाव की चपेट में आने से गंगा नदी में विलीन हो चुके हैं. वहीं, गंगा नदी के कटाव से कई घर विलीन होने के कगार पर हैं. जबकि गांव का बचा हुआ लगभग आधा हिस्सा कब इसके चपेट में आ जाये कहा नहीं जा सकता है. कुछ लोग जो गांव में रह गये हैं, वह अपने खाली घरों की निगरानी कर रहे हैं. दरअसल, मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए पेड़-पौधे लगाये गये थे, लेकिन बड़े-बड़े पेड़ पौधे भी कटाव को नहीं रोक पाये.

ये सभी पंचायत हैं प्रभावित…
बता दें कि, जेसीबी से मकानों को तोड़कर लोग अपने सामान निकाल रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से हर रोज दर्जन भर ट्रैक्टर और पिकअप लगातार घरों के सामान ढोने में लगे हुए हैं. एक बुजुर्ग ने कहा कि, अब तो गांव से मकान के रूप में रहा नामोनिशान भी मिट गया. इधर, गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण प्रखंड के दिवारांचल क्षेत्र का लगभग 80 प्रतिशत भाग जलमग्न हो चुका है. फसलों में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है. प्रखंड के दामोदरपुर, लक्षुटोला, गौरा, लालू के डेरा, बहोरनपुर, हरिहरपुर, वरिसवन, सुहिया पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं.

प्रशासन लगातार कर रही मदद
तो वहीं, जवइनिया गांव में हुए कटाव में घर के साथ यहां पर लगभग 100 फीट लंबी सड़क भी बह गई. हालांकि, ऐसी स्थिति में लगातार प्रशासन की ओर से राहत कार्यों का जायजा लिया जा रहा है. साथ ही कटाव पीड़ितों के बीच फूड पैकेट और अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. एसडीआरएफ की टीम भी अलर्ट मोड में है. पंचायत के सामुदायिक भवन में सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है. प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि, अगर जरूरत पड़ी तो और भी सामुदायिक रसोई चलाए जायेंगे.

4 प्रखंडों के 18 स्कूलों को बंद रखने का आदेश
वहीं, जिले के दामोदरपुर गांव के लगभग सभी रास्ते मुख्य सड़क को छोड़कर प्रभावित हो चुके हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो गया है. कई स्कूलों तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है. जिसके कारण चार प्रखंडों के 18 स्कूलों को बंद करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है. बाढ़ से प्रभावित स्कूल 21 जुलाई से 27 जुलाई तक बंद रहेंगे. उन्होंने कहा है कि, जिन स्कूलों को बंद किया जा रहा है, उन स्कूलों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, शिक्षक और शिक्षिकाओं को छात्र-शिक्षक अनुपात के मद्देनजर प्रखंड अंतर्गत अन्य विद्यालयों में शिक्षण कार्य के लिए संबंध करना है. वहीं, बाढ़ से वर्तमान स्कूलों के अतिरिक्त यदि अन्य कोई स्कूल प्रभावित होते हैं तो ऐसी स्थिति में बिना देर किए उन स्कूलों की लिस्ट डीइओ कार्यालय को उपलब्ध कराएं, ताकि कार्रवाई की जा सके.