आरा : पिछले कई दिनों से बर्फीली हवा चलने के कारण जिलावासी ठंड से कांप रहे हैं. कनकनी की स्थिति ऐसी है कि बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है. मानो आसमान से बर्फ गिर रहा हो. मौसम लोगों के लिए जी का जंजाल बन कर रह गया है. सुबह और शाम में स्थिति और भी दयनीय रही है. पढ़नेवाले बच्चे स्कूल जाने में कांप जा रहे हैं. ठंड की सिहरन शरीर को चीर रहा है.
लोग रजाई हटाने से कतराते रहे. शुक्रवार को जिले का न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं, आर्द्रता 76 प्रतिशत रही. सुबह से ही आठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चल रही है. पछुआ हवा के कारण ठंड व कनकनी काफी बढ़ गयी है.
स्कूलों में अभी भी नहीं हुई है छुट्टी : प्रदेश के सभी स्कूलों में ठंड को लेकर विद्यालयों को बंद कर दिया गया है, ताकि बच्चों को सुविधा हो सके. उन्हें ठंड के प्रकोप झेलना नहीं पढ़े, लेकिन भोजपुर में जिलाधिकारी ने केवल एक से पांच तक के विद्यालयों को महज तीन दिनों के लिए बंद करने का निर्देश जारी किया है.
जबकि ठंड अपने पूरे शबाब पर है. ठंड से बचने में लोगों को कई तरह के उपाय करने पड़ रहे हैं. इस स्थिति में छोटे बच्चों का सुबह में विद्यालय जाना किस तरह कष्टकर हो रहा है, इसे समझा जा सकता है. विद्यालय जाने में बच्चे काफी आनाकानी कर रहे हैं.
सड़कों पर छायी रही वीरानगी : सुबह तथा शाम होते ही सड़कें वीरान हो जा रही हैं. सुबह में सिर्फ वही लोग व वाहन नजर आये, जिन्हें चलने के सिवा अन्य कोई चारा नहीं था. लोगों ने शुक्रवार को की शुरुआत काफी देर से शुरू की. इस कारण सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी संस्थाओं में भी लोग देर से पहुंचे. कामकाज पर भी इसका असर देखा गया. लोग अपने हाथों को अधिकांश समय जेब में ही डाले नजर आये.
आग में राहत की तलाश,अलाव की नहीं है सरकारी व्यवस्था : ठंड से बचने के लिए लोग आग का सहारा ले रहे हैं. जगह-जगह निजी स्तर से अलाव जलाकर लोग उसका लाभ लेते देखे गये. चौक-चौराहे पर दुकानदारों ने आग का प्रबंध किया था. इन जगहों पर राहगीर व मजदूर वर्ग के लोग हाथ सेंकते नजर आये. हालांकि सरकारी स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है.