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आरा सिविल कोर्ट बमकांड : पूर्व विधायक सुनील पांडेय समेत तीन रिहा, आठ दोषी

सिपाही और महिला की हुई थी मौत 23 जनवरी, 2015 को हुआ था ब्लास्ट 20 अगस्त को सुनायी जायेगी सजा आरा (भोजपुर) : सिविल कोर्ट बमकांड के एक मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने शनिवार को लंबू शर्मा व अखिलेश उपाध्याय समेत आठ आरोपितों को दोषी करार दिया. सजा के […]

सिपाही और महिला की हुई थी मौत

23 जनवरी, 2015 को हुआ था ब्लास्ट

20 अगस्त को सुनायी जायेगी सजा

आरा (भोजपुर) : सिविल कोर्ट बमकांड के एक मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने शनिवार को लंबू शर्मा व अखिलेश उपाध्याय समेत आठ आरोपितों को दोषी करार दिया. सजा के बिंदु पर 20 अगस्त को सुनवाई होगी. वहीं, एक आरोपित चांद मियां कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ, जिसका बेल बांड खारिज करते हुए गैरजमानतीय वारंट व कुर्की-जब्ती का आदेश दिया गया है.

न्यायाधीश ने एसपी, भोजपुर को आदेश दिया कि 20 अगस्त को आरोपित चांद मियां को कोर्ट में प्रस्तुत करें. वहीं उक्त मुकदमे में उन्होंने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय, विजय शर्मा व संजय सोनार को आरोप मुक्त करते हुए रिहा कर दिया. अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक नागेश्वर दुबे व अपर लोक अभियोजक प्रशांत रंजन ने बहस की थी.

अपर लोक अभियोजक प्रशांत रंजन ने बताया कि 23 जनवरी, 2015 को करीब 11 बजकर 30 मिनट पर सिविल कोर्ट परिसर स्थित जेल हाजत के समीप बम विस्फोट हुआ था, जिससे एक पुलिस अमित कुमार व महिला नगीना देवी की मौत हो गयी थी. बम विस्फोट के होने पर जेल का कैदी लंबू शर्मा व अखिलेश उपाध्याय ने कैदी वाहन से कोर्ट हाजत जाने के दौरान भाग गये. आरोप का गठन 29 जुलाई, 2016 को हुआ था. अभियोजन की ओर से 39 गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई थी.

दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने आरोपित लंबू शर्मा, अखिलेश उपाध्याय, रिंकू यादव, चांद मियां, नइम मियां, अंशु कुमार, प्रमोद सिंह व श्याम विनय शर्मा को भादवि की धारा 302,307, 326, 115, 224, 120बी, 353, 216 बी तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3, 4, 5 के तहत दोषी पाते हुए सजा के बिंदु पर 20 अगस्त को तिथि निर्धारित की है. इस दौरान कोर्ट परिसर की सुरक्षा का काफी चाक-चौबंद थी.

साध्वी बहनों से गैंगरेप मामले में स्वामी अज्ञानंद और रत्ना पासवान रिहा

भागलपुर : सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को कहलगांव के रामपुर स्थित महर्षि मेंही आश्रम में रहनेवाली दो साध्वी बहनों से गैंगरेप मामले में मुख्य आरोपित स्वामी अज्ञानंद उर्फ मंटू बाबा व रत्ना पासवान को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया. उक्त दोनों आरोपित जमानत पर बाहर थे.

27 अगस्त, 2012 को शिवनारायणपुर ओपी में साध्वी बहन ने महर्षि मेंही के स्वामी अज्ञानंद, रत्ना पासवान समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था. उसने पुलिस को बताया गया था कि वह और उसकी बहन दो साल से रामपुर स्थित आश्रम में सत्संग करती थी.

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