नाथनगर कबीरपुर में मंगलवार को चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र में आयोजित दशलक्षण महापर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म की उपासना की गई. इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने मूंगे वर्ण की पद्मासन प्रतिमा भगवान वासुपूज्य की आराधना की और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की. पूजा समारोह में गुजरात के सैलेश अशोक भाई ने विश्व शांति धारा का आयोजन किया और अमित बड़जात्या ने पहले कलश की पूजा की. श्रद्धालुओं ने भगवान वासुपूज्य के समक्ष सुगंधित धूप अर्पण कर उनके समक्ष विश्व के सुगंधित, सुवाषित और सुविकसित होने की मंगल कामना की.
समारोह के दौरान अहमदाबाद, गुजरात से आए सुरेश भाई कोठारी ने कहा कि “संयम रत्न है और असंयम पत्थर है. संयम जीवन का सौंदर्य है. भोगों में सुखबुद्धि, सबसे बड़ा असंयम है. संयम धारण किए बिना, मुक्ति असंभव है. कहा कि जीव दया ही संयम है.
सांगली, महाराष्ट्र से व्रति गृहत्यागी महिलाओं का एक दल भी सिद्ध क्षेत्र में पहुंचा, जिनका स्वागत सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने किया. महिलाएं विशेष मंत्र साधना कर रही हैं और उनकी भक्ति व आराधना सभी को प्रेरित कर रही है. बीबीओटीसी के कार्यकारिणी सदस्य सुमित बड़जात्या ने दशलक्षण पर्व के छटे दिन समस्त देशवासियों काे शुभकामनाएं दी. सातवें दिन उत्तम तप धर्म की उपासना की जाएगी. इस अवसर पर जयकुमार काला, डॉ निर्मल जैन, अशोक पाटनी, सुमंत पाटनी, अशोक पहाड़िया, आलोक जैन, प्रकाश बड़जात्या, संजय गंगवाल, नवीन छाबड़ा, सूरज जैन, शत्रुघ्न जैन, राम जैन, अभय जैन आदि मौजूद थे.
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